उत्तराखंड: सीमावर्ती गांव में हुआ हिमस्खलन, 57 मजदूर फंसे
माणा भारत-तिब्बत सीमा पर 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अंतिम गांव है

Photo: HQNDRF FB Page
देहरादून/दक्षिण भारत। उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमावर्ती गांव माणा के पास शुक्रवार को हुए हिमस्खलन में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 57 मजदूर फंस गए।
चमोली के जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने बताया कि हिमस्खलन के कारण माणा और बद्रीनाथ के बीच सीमा सड़क संगठन का एक शिविर दब गया।माणा भारत-तिब्बत सीमा पर 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अंतिम गांव है।
जारी बर्फबारी और बारिश के बीच राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं।
अधिकारी खराब मौसम और इसके संभावित प्रभाव के प्रति सतर्क थे।
चंडीगढ़ स्थित रक्षा भूसूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (डीजीआरई) ने गुरुवार शाम पांच बजे चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में 2,400 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित स्थानों के लिए 24 घंटे की अवधि के लिए हिमस्खलन की चेतावनी जारी की थी।
देहरादून स्थित मौसम विभाग ने शुक्रवार सुबह इन जिलों में 3,500 मीटर और उससे अधिक ऊंचाई पर स्थित स्थानों पर भारी बारिश और बर्फबारी की भविष्यवाणी की है। इसके बाद, यहां राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने संबंधित जिलाधिकारियों को सतर्क कर दिया है।
एक्स पर पहले की पोस्ट में धामी ने कहा था, 'बीआरओ द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य के दौरान माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन में कई मजदूरों के फंसने की दुखद खबर मिली।'
आईटीबीपी, बीआरओ और अन्य बचाव दलों ने राहत और बचाव अभियान शुरू कर दिया है।
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