कर्नाटक उच्च न्यायालय ने दुष्कर्म और जबरन धर्मांतरण के आरोपी की जमानत याचिका खारिज की
आरोपी ने बेलगावी जिले के सावदत्ती तालुक के एक गांव की महिला से दोस्ती की थी
Photo: PixaBay
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक विवाहित महिला को बंधक बनाकर उससे दुष्कर्म करने तथा उसे धर्मांतरण के लिए मजबूर करने के आरोपी व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आरोपी ने बेलगावी जिले के सावदत्ती तालुक के एक गांव की अनुसूचित जाति समुदाय की महिला से दोस्ती की। इसके बाद उसे बेलगावी शहर में नौकरी दिलाने का वादा किया।जब वह शहर पहुंची तो आरोपी ने कथित तौर पर उसे बंधक बना लिया। इसके बाद कई बार उससे दुष्कर्म किया तथा उस पर धर्मांतरण का दबाव डाला।
महिला अंततः वहां से निकलने में सफल हुई और अपने पति को आपबीती बताई। इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
उच्च न्यायालय की धारवाड़ पीठ के न्यायमूर्ति एस राचैया ने अपने हालिया आदेश में जबरन धर्मांतरण पर अंकुश लगाने और समाज में कमजोर व्यक्तियों की सुरक्षा में न्यायपालिका की भूमिका के महत्त्व पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि अपराध की गंभीरता और इसके व्यापक सामाजिक निहितार्थों को देखते हुए अदालतों से एक कड़ा संदेश देना जरूरी है।
रफीक, जिसे शुरू में ट्रायल कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था, पर भारतीय दंड संहिता, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2022 की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।