महाशक्ति बने हिंदुस्तान

भारत ने तमाम बाधाओं और चुनौतियों के बावजूद उल्लेखनीय प्रगति की है

महाशक्ति बने हिंदुस्तान

सरकार को चाहिए कि वह निजी क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ावा दे

स्वतंत्रता दिवस का एक और सुप्रभात! सबको अनंत शुभकामनाएं। यह दिन हमारी आज़ादी का जश्न मनाने के साथ ही हमारे अनुभवों को ध्यान में रखते हुए भविष्य की राह तैयार करने के लिए संकल्प लेने का दिन भी है। पंद्रह अगस्त कोई सरकारी आयोजन मात्र नहीं है। इस दिन की अहमियत वे लोग ज्यादा बेहतर जानते हैं, जिन्होंने देश को ब्रिटिश साम्राज्यवाद से आज़ादी दिलाने के लिए बड़ी-बड़ी कुर्बानियां दी थीं। यह आज़ादी मुफ़्त में नहीं मिली है। इसके लिए कितने ही लोगों ने सीने पर गोलियां खाईं, कितने ही फांसी चढ़ गए और कितने ही लोग वर्षों तक काल कोठरी में कैद रहकर कोड़ों व बेंतों की मार बर्दाश्त करते रहे। ऐसे अनगिनत नाम हैं, जो बलिदान होकर भी गुमनाम रह गए। यह उन सभी बलिदानियों, योद्धाओं और पुण्यात्माओं को नमन करने का दिन है। अगर उन्होंने उस वक्त गुलामी का शिकंजा तोड़ने के लिए जोर नहीं लगाया होता तो हमारा भारत वह भारत नहीं होता, जो आज है। भारत ने तमाम बाधाओं और चुनौतियों के बावजूद उल्लेखनीय प्रगति की है। हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। तकनीक के क्षेत्र में भारतवासियों की प्रतिभा का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में बढ़ते कदमों से लेकर अंतरिक्ष अभियानों में कामयाबी तक, भारत की धाक से कोई अनजान नहीं है। हां, हमारे रास्तों में कई चुनौतियां भी हैं; कुछ छोटी और कुछ बड़ी, लेकिन हमें उनसे निपटना आता है। भारत ने बड़ी-बड़ी चुनौतियां देखी हैं। वे भी हमारी हिम्मत नहीं तोड़ पाईं, बल्कि हर चुनौती से टकराने के बाद हमारा देश और ज्यादा ताकतवर होकर उभरा।

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आज भारत सरकार को चाहिए कि वह कुछ खास चुनौतियों के मामले में तेजी और अधिक कुशलता दिखाए। देश को अंग्रेजों से तो मुक्ति मिल गई, अब घुसपैठियों से भी मुक्ति मिलनी चाहिए। बांग्लादेश, म्यांमार और अन्य देशों के जो भी नागरिक यहां अवैध ढंग से रह रहे हैं, उन्हें स्वदेश भेजने के लिए बड़ी पहल करनी होगी। देश में समान नागरिक संहिता के पक्ष में माहौल तैयार करने की जरूरत है। इसके लिए जनजागरूकता पैदा करनी होगी। विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने, भरण-पोषण आदि मामलों में सुधारों का मार्ग प्रशस्त करना होगा। इसके साथ ही धर्मांतरण जैसी समस्या की ओर तुरंत ध्यान देकर कुछ बड़े कदम उठाने की जरूरत है। यह मामला इतना सीधा नहीं है, जैसा कि कुछ 'बुद्धिजीवी' दावा करते हैं। देश में आज भी बहला-फुसलाकर लोगों का धर्मांतरण करवाया जा रहा है। इसी से जुड़ा एक और मामला है- झूठी पहचान के साथ शादी करना। इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ कठोर फैसले जरूर लिए हैं। उसके कानून का अध्ययन करने के बाद जहां जरूरी हो, पीड़ितों के हितों की रक्षा के लिए कुछ और सुधारों के साथ इसे लागू करना चाहिए। धर्मांतरण भविष्य में देश की एकता और अखंडता के लिए गंभीर समस्या बन सकता है। आज बेरोजगारी का दंश युवाओं को बहुत तकलीफ दे रहा है। यह उनके सपने तोड़ रहा है। सरकार को चाहिए कि वह निजी क्षेत्र में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ावा दे। देश में सरकारी नौकरियां इतनी नहीं हैं कि वे सबको मिल सकें। सरकारी नौकरियों के प्रति अत्यधिक आकर्षण से कई सामाजिक समस्याएं पैदा हो रही हैं। निजी क्षेत्र को ज्यादा से ज्यादा सहूलियत देकर ही भविष्य में बेहतरी की उम्मीद की जा सकती है। देश के शहर और महानगर आबादी के बोझ से दबे जा रहे हैं, जबकि गांव धीरे-धीरे खाली हो रहे हैं। इस पलायन को रोकने के लिए गांवों में शिक्षा, चिकित्सा और रोजगार की ओर खास ध्यान देना होगा। सरकारी स्कूलों की दशा सुधारनी होगी। अगर 'मजबूत' गांव होंगे, तो वे महाशक्ति हिंदुस्तान की बुनियाद बनेंगे।

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