जेपी नड्डा ने श्रीलंका में भारतीय मूल के तमिलों के 200 साल पूरे होने पर डाक टिकट जारी किया
'आज हमें खुश और आशावादी रहना चाहिए, लेकिन अपने पूर्वजों द्वारा सहे गए दर्द को नहीं भूलना चाहिए'
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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने श्रीलंका में भारतीय मूल के तमिलों के 200 साल पूरे होने पर एक डाक टिकट जारी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए बहुत बड़े अवसर और खुशी की बात है कि आज, हम वर्ष 1823 को याद कर रहे हैं और इसे भारतीय मूल के तमिलों के टिकट के साथ मना रहे हैं, जो 200 साल पहले श्रीलंका गए थे।
नड्डा ने कहा कि अंग्रेजों ने हमारे तमिल लोगों के श्रीलंका में प्रवास को प्रोत्साहित किया। इसने विस्थापित लोगों को वहां के खेतों में काम करवाकर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने के उनके उद्देश्य को पूरा किया।नड्डा ने कहा कि विस्थापित भारतीय मूल के तमिलों ने वर्षों तक संघर्ष किया। उन्हें मानवीय गरिमा, स्वास्थ्य और आजीविका की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन चीजें स्थिर नहीं रहतीं। आख़िरकार, हमारे तमिल लोगों में क्रांति की भावना घर कर गई और उन्होंने बुनियादी मानवाधिकारों की मांग करना शुरू कर दिया।
नड्डा ने कहा कि आज हमें खुश और आशावादी रहना चाहिए, लेकिन हमें अपने पूर्वजों द्वारा सहे गए दर्द और इतिहास को नहीं भूलना चाहिए। यही वह आधार है, जिसने हमें आज श्रीलंका में गौरवान्वित भारतीय मूल के तमिलों के रूप में खड़े होने की ताकत दी है।
नड्डा ने कहा कि साल 2014 में, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे नेता बने, तो हमने एक नई आशावादी यात्रा शुरू की। साल 2017 में, वे जाफना का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने और उन्हें पक्के मकान देने का वादा किया। तभी हमारे लोगों को श्रीलंका में सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर मिला।