युवाओं की शक्ति पर भरोसा देश को बदल सकता है: आरएन रवि
'नई शिक्षा नीति केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि क्रांतिकारी सूत्र'
' एनईपी 2020, हालांकि देश में बनाई गई तीसरी शिक्षा नीति है, जो कई मायनों में पहली है'
चेन्नई/दक्षिण भारत। तमिलनाडु के राज्यपाल थिरु आरएन रवि ने बतौर मुख्य अतिथि चेन्नई के गुरु नानक कॉलेज के आईक्यूएसी द्वारा 'उच्च शिक्षा संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का कार्यान्वयन: चुनौतियां और रणनीतियां' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत की।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि एनईपी 2020, हालांकि देश में बनाई गई तीसरी शिक्षा नीति है, जो कई मायनों में पहली है, क्योंकि यह केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि एक क्रांतिकारी सूत्र है। इस शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों को उस ज्ञान से लैस करना है, जिसके साथ वे दुनिया में आगे बढ़ सकें और अपने लिए जगह बना सकें।उन्होंने यह भी कहा कि पूरे देश में एनईपी के कार्यान्वयन से राष्ट्र के नवनिर्माण में मदद मिलेगी, जिसमें यह एहसास होगा कि हम वास्तव में कौन हैं। युवाओं की शक्ति पर भरोसा देश को बदल सकता है और यह केवल अच्छी शिक्षा नीति के साथ ही किया जा सकता है।
मुख्य अतिथि ने यूरोपीय संस्थानों के साथ सहयोग करने के लिए कॉलेज की सराहना करते हुए भाषण का समापन किया और एनईपी 2020 पर ऐसे सम्मेलन के आयोजन के लिए प्रबंधन और टीम को बधाई दी, जो विद्यार्थियों के लिए चुनौतीपूर्ण दुनिया का सामना करने के लिए सुसज्जित और कुशल बनने के लिए वास्तव में फायदेमंद है। राज्यपाल का स्वागत जीएनसी एनसीसी कैडेट्स, 1 टीएन बीटीवाई एनसीसी, मद्रास ग्रुप-ए द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर देकर किया गया।
बता दें कि गुरु नानक कॉलेज के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल (आईक्यूएसी) ने 21 और 22 जून को 'उच्च शिक्षा संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का कार्यान्वयन: चुनौतियां और रणनीतियां' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी की है।
उद्घाटन सत्र की शुरुआत प्राचार्य डॉ. एमजी रघुनाथन के स्वागत भाषण के साथ हुई, जिसमें कॉलेज की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया। आईक्यूएसी समन्वयक और प्रमुख जीएनसीसीओआई डॉ. स्वाति पालीवाल ने सम्मेलन के लक्ष्य और उद्देश्यों पर जोर देकर इसके विषय को समझाया। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की और बताया कि कैसे सम्मेलन रणनीति तैयार करने में मदद करेगा। इस एनएएसी-प्रायोजित राष्ट्रीय सम्मेलन की कार्यवाही राजीव गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर साकेत कुशवाहा, अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में जारी की गई।
प्रोफेसर कुशवाहा ने साल 2030 तक पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के महत्त्व को दोहराया। मुख्य वक्ता, कर्नाटक राज्य उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष कर्नल (प्रोफेसर) वाईएस सिद्देगौड़ा ने कर्नाटक में एनईपी के कार्यान्वयन पर विचार-विमर्श किया।
उद्घाटन समारोह में अंतर-संस्थागत शिक्षण, अनुसंधान, संकाय और छात्र विकास कार्यक्रमों की स्थापना और प्रचार और छात्रों और संकायों के विकास के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए गुरु नानक कॉलेज और राजीव गांधी विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान हुआ।
तीन तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता क्रमशः निर्मला कॉलेज के आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. सोनी कुरियाकोस, अविनाशीलिंगम इंस्टीट्यूट फॉर होम साइंस एंड हायर एजुकेशन फॉर वीमेन के आईक्यूएसी समन्वयक डॉ. जेरिनाबी और तमिलनाडु केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम कृष्णन ने की। प्रस्तुतकर्ताओं ने एनईपी 2020 को लागू करने की चुनौतियों और रणनीतियों पर अच्छी चर्चा और विचार-विमर्श किया।