
2022-23 में मूल्य, मात्रा के लिहाज से कितना बढ़ा मुद्रा का चलन?
आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली
मात्रा के लिहाज से 31 मार्च 2023 तक कुल प्रचलित मुद्रा में 500 रुपए के नोटों की हिस्सेदारी 37.9 प्रतिशत है
मुंबई/भाषा। बैंक नोटों का चलन मूल्य और मात्रा के लिहाज से 2022-23 के दौरान क्रमश: 7.8 प्रतिशत और 4.4 प्रतिशत बढ़ा। वित्त वर्ष 2021-22 में यह आंकड़ा क्रमश: 9.9 प्रतिशत और पांच प्रतिशत था।
मंगलवार को जारी आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।
रिपोर्ट के मुताबिक मूल्य के लिहाज से 31 मार्च, 2023 तक 500 रुपए और 2,000 रुपए के बैंक नोटों की हिस्सेदारी कुल बैंक नोटों के चलन में 87.9 प्रतिशत थी। इससे एक साल पहले यह आंकड़ा 87.1 प्रतिशत था।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल में 2,000 रुपए के नोटों को वापस लेने की घोषणा की है और इन्हें जमा करने या बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया, 'मात्रा के लिहाज से 31 मार्च 2023 तक कुल प्रचलित मुद्रा में 500 रुपए के नोटों की हिस्सेदारी 37.9 प्रतिशत है, जो सबसे अधिक है। इसके बाद 10 रुपये के नोट का स्थान है, जिनकी हिस्सेदारी 19.2 प्रतिशत है।'
मार्च 2023 के अंत तक 500 रुपए के कुल 5,16,338 लाख नोट चलन में थे, जिनका कुल मूल्य 25,81,690 करोड़ रुपए है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि मार्च के अंत में दो हजार रुपए के 4,55,468 लाख नोट चलन में थे, जिनकी कुल कीमत 3,62,220 करोड़ रुपए है।
इसमें आगे बताया गया कि दो हजार रुपए के नोटों के चलन में मूल्य और मात्रा, दोनों लिहाज से कमी आई है।
इस समय दो रुपए, पांच रुपए, 10 रुपए, 20 रुपए, 50 रुपए, 100 रुपए, 200 रुपए, 500 रुपए और 2,000 रुपए के नोट चलन में हैं। इसके अलावा 50 पैसे, एक रुपए, दो रुपए, पांच रुपए, 10 रुपए और 20 रुपए के सिक्के भी चलन में शामिल हैं।
आरबीआई ने 2022-23 के दौरान पायलट आधार पर ई-रुपया भी पेश किया।
रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च, 2023 तक चलन में शामिल ई-रुपया (थोक) और ई-रुपया (खुदरा) का मूल्य क्रमश: 10.69 करोड़ रुपए और 5.70 करोड़ रुपए था।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 2022-23 में नोटों की मांग और आपूर्ति सालाना आधार पर 1.6 प्रतिशत अधिक थी।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 2021-22 की तुलना में बीते वित्त वर्ष में 20 रुपए और 500 रुपए (नए डिजाइन) के मूल्यवर्ग में पाए गए नकली नोटों में क्रमशः 8.4 प्रतिशत और 14.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
दूसरी ओर 10 रुपए, 100 रुपए और 2,000 रुपए के मूल्यवर्ग में पाए गए नकली नोटों में क्रमशः 11.6 प्रतिशत, 14.7 प्रतिशत और 27.9 प्रतिशत की गिरावट हुई।
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