सरकार ने 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी वृत्तचित्र के इस्तेमाल को अवरुद्ध कर दिया

आईटी नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए को निर्देश जारी

सरकार ने 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी वृत्तचित्र के इस्तेमाल को अवरुद्ध कर दिया

वृत्तचित्र को भारत की संप्रभुता और अखंडता को कमजोर करने का प्रयास करने वाला पाया गया है

नई दिल्ली/भाषा। केंद्र ने बीबीसी के वृत्तचित्र 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' का लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने आईटी नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए शुक्रवार को निर्देश जारी किए।

सूत्रों ने बताया कि विदेश, गृह मामलों और सूचना एवं प्रसारण सहित कई मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने वृत्तचित्र की पड़ताल की और पाया कि यह उच्चतम न्यायालय के अधिकार और विश्वसनीयता पर आक्षेप लगाने, विभिन्न भारतीय समुदायों के बीच विभाजन का बीज बोने का प्रयास है।

सूत्रों ने कहा कि वृत्तचित्र को भारत की संप्रभुता और अखंडता को कमजोर करने का प्रयास करने वाला पाया गया है और इसमें विदेशी सरकार के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के साथ-साथ देश के भीतर सार्वजनिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालने की क्षमता है।

उन्होंने कहा कि संबंधित यूट्यूब वीडियो के लिंक वाले 50 से अधिक ट्वीट ब्लॉक करने के लिए ट्विटर को भी आदेश जारी किए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इन निर्देशों का पालन भी किया है।

इससे पहले विदेश मंत्रालय ने इसे ‘दुष्प्रचार का एक हिस्सा’ करार देते हुए सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बीबीसी के इस वृत्तचित्र पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि यह एक ‘गलत आख्यान’ को आगे बढ़ाने के लिए दुष्प्रचार का एक हिस्सा है।

गौरतलब है कि बीबीसी ने ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से दो भाग में एक नई शृंखला बनाई है और यह गुजरात में 2002 में हुए दंगों के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल करती है। गुजरात दंगे के दौरान नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे।

प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को संवादाताओं के सवालों के जवाब में कहा था, ‘मुझे यह बात स्पष्ट करने दें ... हमारा मानना है कि यह दुष्प्रचार का एक हिस्सा है जो एक ‘गलत आख्यान’ विशेष को आगे बढ़ाने का प्रयास है। इसमें पूर्वाग्रह, निष्पक्षता की कमी और औपनिवेशिक मानसिकता स्पष्ट रूप से झलकती है।’

वृत्तचित्र में दंगों के बारे में ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री जैक स्ट्रा की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि वे (स्ट्रा) ब्रिटिश सरकार की किसी आंतरिक रिपोर्ट का जिक्र कर रहे थे और यह 20 वर्ष पुरानी रिपोर्ट है और इस तक हमारी पहुंच कैसे हो सकती है।’

प्रवक्ता ने कहा था कि केवल जैक स्ट्रा ने यह बात कही, इससे इसे कैसे वैधता मिल सकती है।

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