राजग का मिशन -2019

राजग का मिशन -2019

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग )ने मिशन २०१९ की तैयारियों में किसी भी तरह की कम़जोरी के लिए जगह नहीं छो़डने का फैसला कर लिया है। भारतीय जनता पार्टी के सक्षम नेतृत्व ने बिहार में शानदार रणनीति का प्रदर्शन करते हुए जनता दाल-यू के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने खेमे शामिल होने के लिए राजी कर लिया। वहीं तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के दोनों गुटों के एक होने के बाद अब इसके भी राजग में शामिल होने की प्रबल संभावना है। अन्नाद्रमुक के राजग का हिस्सा बन जाने के बाद दक्षिण भारत में भी वह और मजबूत हो जाएगा। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू राजग के समर्थन में ख़डे हैं और उनकी पार्टी टीडीपी ने भाजपा से गठबंधन कर आंध्र में सरकार बनाई है। कर्नाटक में भाजपा को सत्ता में वापसी की पूरी उम्मीद है। इस तरह दक्षिण के पांच राज्यों में से तीन में भाजपा को अपनी स्तिथि मजबूत करने की पूरी उम्मीद है। केरल और आंध्र से अलग हुए तेलंगाना में भी भाजपा अपनी जमीन तैयार करने में जुटी हुई है। केरल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह खुद कमान संभाले हुए हैं। वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति बनाने के पीछे भी भाजपा की कोशिश दक्षिण में पार्टी के आधार को मजबूत बनाने की है।तेलंगाना में भी वेंकैया की राजनीतिक पक़ड मजबूत है। खास बात यह है कि तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के दोनों ध़डों के नेता सीएम पलानीसामी और ओ पन्नीरसेल्वम के भाजपा से अच्छे संबंध है। राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में अन्नाद्रमुक के दोनों गुटों ने राजग का साथ दिया था। उसी समय से कयास लगने लगे थे कि देरसबेर जयललिता की बनाई पार्टी अन्नाद्रमुक राजग में शामिल होगी। भाजपा की कोशिश थी की दोनों गुट एक होकर राजग में आए। जयललिता के निधन के बाद पार्टी पर आधिपत्य की कोशिश में दो गुट बन गए थे। अब पलानी और पन्नीर गुट के एक हो जाने के बाद अन्नाद्रमुक के राजग में आने उम्मीद पुख्ता हो गई है। भाजपा तमिलनाडु में रजनीकांत की राजनीतिक गतिविधि पर भी नजर बनाई हुई है। तमिलनाडु में भाजपा का अपना जनाधार मजबूत नहीं है, इसलिए उसे ताकतवर सहयोगी की जरूरत है। मोदी मंत्रिमंडल के संभावित विस्तार में जदयू कोटे से दो मंत्री बनाए जाने के आसार हैं, तो अन्नाद्रमुक कोटे से भी कुछ मंत्री बनाए जाने के आसार हैं। नई दिल्ली में मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार की सरगर्मी तेज है। भाजपा विकास व सुशासन के दम पर अगले लोकसभा चुनाव में जाना चाहती है। उत्तर, पश्चिम भारत में भाजपा अभी काफी मजबूत स्थिति में है। अब दक्षिण में भी ताकतवर हो जाने से राजग के मिशन २०१९ की राह और आसान हो जाएगी।

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