द्रमुक सदस्यों ने किया विधानसभा से बर्हिगमन
द्रमुक सदस्यों ने किया विधानसभा से बर्हिगमन
चेन्नई। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और इसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएमल) के विधायक बुधवार को राज्य विधानसभा से बर्हिगमन कर गए। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल से राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव को द्रमुक द्वारा अन्नाद्रमुक विधायकों के स्टिंग ऑपरेशन के बारे मंें सौपें गए ज्ञापन के बाद उनके द्वारा दिए गए जवाब को विधानसभा में पढने की अनुमति मांगी लेकिन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इसकी अनुमति नहीं दी गई जिसके बाद द्रमुक और इसकी सभी सहयोगी पार्टियों के सदस्य विधानसभा से बाहर निकल गए।बुधवार को विधानसभा में जैसे ही प्रश्नकाल समाप्त हुआ। द्रमुक के लेता एमके स्टालिन ने राज्यपाल द्वारा विधानसभा अध्यक्ष और राज्य की मुख्य सचिव गिरिजा वैद्यनाथन को स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए लिखे गए पत्र का मुद्दा उठाने की कोशिश की। स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल ने द्रमुक की ओर से सौंपे गए ज्ञापन पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है इसलिए या तो विधानसभा अध्यक्ष या फिर मुख्यमंत्री को इस संबंध में सदन में विवरण पेश करना चाहिए। स्टालिन ने विधानसभा मेंं कहा कि तमिलनाडु विधानसभा नियम २७४ के अनुसार अगर राज्यपाल द्वारा संविधान की धारा १७५(२) के तहत कोई संदेश दिया जाता है तो विधानसभा अध्यक्ष को उस संदेश को सदन में पढकर सुनाया जाना चाहिए और उस संदेश के पालन के लिए समुचित निर्देश देना चाहिए। इसके साथ ही स्टालिन ने विधानसभा अध्यक्ष से राज्यपाल द्वारा दिए गए आदेश को पढकर सुनाने के लिए कहा।हालांकि धनपाल ने कहा कि संविधान की धारा१७५(२) के तहत राज्यपाल सदन को संदेश किसी भी लंबित विधेयक या कानून के बारे में संदेश भेज सकते हैं और जिस सदन को यह संदेश भेजा जाता है उस संदेश में भेजे गए विषय पर विचार करता है। हालांकि इसके बावजूद द्रमुक के सदस्य विधानसभा अध्यक्ष से राज्यपाल द्वारा उन्हें भेजे गए पत्र को सदन में पढने की मांग करते रहे। हालांकि इसके बावजूद विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल द्वारा उन्हें भेजे गए पत्र के विवरण को बताने से इंकार कर दिया।पी धनपाल ने विधानसभा में कहा ‘ मुझे राज्यपाल से मंगलवार को एक पत्र प्राप्त हुआ है और में उस पर विचार कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि यह पूर्ण रुप से गोपनीय पत्र है और मैं इसके बारे में समुचित समयानुसार राज्यपाल को सूचित करुंगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सदन को बताने की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें राज्य के मुख्य सचिव से भी इस विषय में एक पत्र प्राप्त हुआ है और इन दोनों पत्रों के प्राप्त होने के बाद मैं समुचित कदम उठाने पर विचार कर रहा हूं। राज्यपाल की ओर से भेजे गए पत्र के बाद मुझे क्या करना है यह मैं जानता हूं और मैं जो भी करुंगा उसकी पूरी जानकारी राज्यपाल को दे दूंगा लेकिन इस सदन में उन बातों का विवरण पेश करना जरुरी नहीं है।पी धनपाल के इतना कहने के बाद द्रमुक के वरिष्ठ सदस्य एस दुरैमुरुगन ने विधानसभा अध्यक्ष से यह जानना चाहा कि उन्होंने राज्यपाल द्वारा दिए गए निर्देश के बाद क्या कदम उठाया है। दुरै मुरैगन ने कहा ‘सदन सर्वोपरि है, आप नहीं। हमें इस बात को जानने का हक है कि क्या चल रहा है।‘ इसके बाद स्टालिन ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि पार्टी इस मामले पर चर्चा करने के लिए नहीं कह रही है बल्कि सिर्फ विधानसभा अध्यक्ष से नियमों के अनुसार राज्यपाल द्वारा भेजे गए पत्र को पढने के लिए कह रही है। ज्ञातव्य है कि सोमवार को राजभवन की ओर से एक विज्ञप्ति जारी कर बताया गया था कि राज्यपाल ने स्टिंग ऑपरेशन के सीडी की एक प्रति विधानसभा अध्यक्ष और राज्य की मुख्य सचिव को भेज कर इस मामले में समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।