विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्ति के लिए उठाए जा रहे हैं कदम

विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्ति के लिए उठाए जा रहे हैं कदम

मदुरै। मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ को राज्य सरकार ने यह सूचना दी है कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति करने की दिशा मेंे कदम उठाए जा रहे हैं। ज्ञातव्य है कि उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ में राज्य के विभिन्न राज्य शासित विश्वविद्यालयों में कुलपति का पद काफी लंबे समय से रिक्त होने के कारण विद्यार्थियों को हो रहे नुकसान की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई थी। आर राजा सेल्वन द्वारा दायर की गई इस जनहित याचिका में अदालत से राज्य सरकार को जल्द से जल्द सभी राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। जब यह याचिका सुनवाई के लिए मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के न्यायाधीश ए सेल्वम और न्यायाधीश एन अतिनाथन की सदस्यता वाली पीठ के समक्ष आई तो सरकारी अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय को जानकारी दी कि मदुरै कामराज विश्वविद्यालय और चेन्नई विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति कर दी गई है और राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में कुलपति के रुप में नियुक्त किए जा सकने वाले योग्य व्यक्तियों की पहचान करने और उनके नामों की सूची तैयार करके सौंपने के लिए खोज समितियों का गठन कर दिया गया है।सरकारी अधिवक्ता की ओर से पक्ष रखने के बाद न्यायाधीश ए सेल्वम और एन अतिनिान ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि सरकार की ओर से राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में रिक्त प़डे कुलपति पद को भरने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपे। न्यायालय ने फिलहाल इस मामले की अगली सुनवाई ११ जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि राज्य सरकार द्वारा अभी तक डॉ अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय और तमिलनाडु मत्स्य विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति नहीं की गई है। इसके साथ ही याचिका में यह भी बताया गया है कि तमिलनाडु टीचर एजूकेशन यूनिवर्सिटी, भरतियार यूनिवर्सिटी, तिरुवल्लूवर यूनिवर्सिटी ओर तमिलनाडु ओपन यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार का पद भी काफी लंबे समय से रिक्त है। कामराज विश्वविद्यालय और मद्रास विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार के पद के साथ ही परीक्षा नियंत्रक का पद भी रिक्त है। याचिकाकर्ता ने बताया है कि अंबेडकर विश्वविद्यालय में पिछले आठ महीनों से डीन का पद भी रिक्त है। याचिका में कहा गया था कि विश्वविद्यालयांे में इन प्रमुख पदों के रिक्त होने के कारण विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना प़ड रहा है इसके साथ ही विश्वविद्यालय की प्रशासनिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही है इसलिए सरकार को निर्देश दिया जाए कि राज्य के विश्वविद्यालयों में रिक्त प़डे प्रमुख पदों पर को जल्द से जल्द भरा जाए।उल्लेखनीय है कि हाल ही में राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों मेंे कुलपति की नियुक्ति से संबंधित नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के अनुसार किसी भी खेज समिति को अपने गठन के तीन महीनों के अंदर कुलपति के लिए योग्य व्यक्तियों की सूची राज्यपाल के समक्ष अग्रसारित करनी होगी। अगर समिति तीन महीने के अंदर योग्य व्यक्तियों के नामों की सूची अग्रसारित करने में विफल रहती है तो राज्यपाल को उस समिति को भंग करने का पूरा अधिकार होगा। इसके साथ ही राज्यपाल सीएच विद्यासागर राव ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि कुलपति के पद पर योग्य शिक्षाविदें को नियुक्त किया जाए और इस पद पर नियुक्ति में किसी प्रकार का राजनीतिक या बाहरी हस्तक्षेप नहीं हो। सरकार ने राज्यपाल को भी यह आश्वासन दिया है कि कुलपति नियुक्ति में उनके द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन किया जाएगा।

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