यूक्रेन संकट में बीएपीएस ने बढ़ाया मदद का हाथ
बीएपीएस स्वयंसेवक हज़ारों शरणार्थियों को उपलब्ध करा रहे भोजन और चिकित्सा सुविधाएं
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। यूक्रेन में युद्ध के कारण बढ़ते संकट को देखते हुए बीएपीएस (बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था) ने मदद का हाथ बढ़ाया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए संस्था ने कहा कि जैसे ही यूक्रेन में विनाशकारी मानवीय संकट सामने आया, हजारों लोग युद्धक्षेत्र से निकलते हुए पड़ोसी देशों में शरण लेने लगे। इसमें बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक भी शामिल हैं, जिनमें मुख्य रूप से छात्र हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 फरवरी की मध्यरात्रि को ब्रह्मविहारीदास स्वामीजी को फोन किया और यूक्रेन के साथ पोलैंड, रोमानिया और हंगरी की सीमाओं पर भारतीय नागरिकों के वास्ते सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के लिए संस्था से सहायता मांगी।आपदा राहत कार्य में वर्षों के अनुभव के साथ ब्रह्मविहारीदास स्वामीजी दुबई से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली में आपात बैठक में शामिल हुए। शरणार्थियों की स्थिति को लेकर पीड़ा व्यक्त करते हुए स्वामीजी ने प्रधानमंत्री को बताया कि मदद पहले से ही चल रही है। उन्होंने कहा कि हमें पहले ही महंत स्वामी महाराज द्वारा पूरे यूरोप से बीएपीएस स्वयंसेवकों को जुटने का निर्देश दिया जा चुका है।
ब्रिटेन, आयरलैंड, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, इटली, जर्मनी, ऑस्ट्रिया और पोलैंड के स्वयंसेवक आपातकालीन राहत प्रयासों के तहत तेजी से काम में जुटे हुए हैं। इसमें दक्षिण-पूर्वी पोलिश शहर रेज़ज़ो में एक मोबाइल फील्ड किचन स्थापित करना शामिल है, जिसने हर रोज सभी धर्मों और राष्ट्रीयताओं के करीब 1,000 शरणार्थियों को ताजा शाकाहारी भोजन उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है।
बीएपीएस आवास सुविधाओं की व्यवस्था भी कर रहा है और चिकित्सा सहायता मुहैया करा रहा है। इसके अलावा मानवीय प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार और स्थानीय भागीदारों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने रेज़ज़ो में स्वयंसेवकों के अथक प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा, 'बीएपीएस हमेशा सामुदायिक सेवा में सबसे आगे रहा है, सबसे पहले पहुंचने वाला और सबसे आखिर में जाने वाला। भारत के लोग आपके तेज, निस्वार्थ और संगठित प्रयासों के ऋणी हैं।'
पेरिस के प्रमुख बीएपीएस स्वयंसेवक शैलेश भावसार ने कहा, 'यूक्रेन में स्थिति दुखद है। हमारी प्राथमिकता शरण चाहने वालों को भोजन और आश्रय प्रदान करके उनका सहयोग करना है। हम जरूरतमंद लोगों को आवश्यक सेवाएं सुरक्षित और समय पर पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए परिवहन नेटवर्क और लॉजिस्टिक एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'हमारे स्वयंसेवक प्रमुख स्वामी महाराज के लोकाचार से प्रेरित हैं, जिन्होंने 'दूसरों की खुशी में हमारी खुशी है' के आदर्श वाक्य को मूर्त रूप दिया है। संघर्ष में गंभीर रूप से प्रभावित लोगों के लिए बुनियादी ज़रूरतें प्रदान करके सार्वजनिक सेवा की इस निस्वार्थ भावना को साकार करने के लिए शायद इससे अधिक उपयुक्त क्षण कभी नहीं रहा।'
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