दूसरों के सपनों को पूरा करना अपनी सफलता का पैमाना बन जाए तो कर्तव्यपथ इतिहास रचता है: मोदी
आज आकांक्षी जिले देश के आगे बढ़ने के अवरोध को समाप्त कर रहे हैं
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को प्रमुख सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन पर विभिन्न जिलों के डीएम के साथ बातचीत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जीवन में लोग अपनी आकांक्षाओं के लिए दिन-रात परिश्रम करते हैं और कुछ मात्रा में उन्हें पूरा भी करते हैं। लेकिन जब दूसरो की आकांक्षाएं अपनी बन जाएं, जब दूसरों के सपनों को पूरा करना अपनी सफलता का पैमाना बन जाए, तो फिर वो कर्तव्यपथ इतिहास रचता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ बजट बढ़ता रहा, योजनाएं बनती रहीं, आंकड़ों में आर्थिक विकास भी होता रहा, लेकिन फिर भी आजादी के 75 साल बाद भी देश में कई जिले पीछे ही रह गए। समय के साथ इन जिलों के साथ पिछड़े जिलों का टैग लगा दिया गया।प्रधानमंत्री ने कहा कि आज आकांक्षी जिले देश के आगे बढ़ने के अवरोध को समाप्त कर रहे हैं। आप सबके प्रयासों से आकांक्षी जिले आज गतिरोधक के बजाय गतिवर्धक बन रहे हैं। जो जिले पहले कभी तेज प्रगति करने वाले माने जाते थे, आज कई पैमानों पर ये आकांक्षी जिले भी अच्छा काम करके दिखा रहे हैं। मुख्यमंत्रीगण भी मानते हैं कि उनके राज्यों में आकांक्षी जिलों ने कमाल का काम किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिलों में विकास के लिए प्रशासन और जनता के बीच सीधा कनेक्ट, एक इमोशनल जुड़ाव बहुत जरूरी है। एक तरह से गवर्नेंस का ‘टॉप टू बॉटम’ और ‘बॉटम टू टॉप’ फ़्लो। इस अभियान का महत्वपूर्ण पहलू है - टेक्नोलॉजी और इनोवेशन।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिलों में जो काम हुआ है, वो बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों के लिए अध्ययन का विषय है। पिछले 4 सालों में देश के लगभग हर आकांक्षी जिले में जन-धन खातों में 4 से 5 गुना की वृद्धि हुई है। लगभग हर परिवार को शौचालय मिला है, हर गांव तक बिजली पहुंची है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक दूसरे का सहयोग करते हुए, एक दूसरे से बेस्ट प्रैक्टिशेस शेयर करते हुए, एक दूसरे से सीखते हुए, एक दूसरे को सिखाते हुए जो कार्यशैली विकसित होती है, वह गुड गवर्नेंस की बहुत बड़ी पूंजी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिलों में जो लोग रहते हैं, उनमें आगे बढ़ने की तड़प होती है। इन लोगों ने अपने जीवन का अधिकतर समय अभावों में, मुश्किलों में गुजारा है। हर छोटी-छोटी चीजों के लिए उन्होंने परिश्रम किया है। इसलिए वो लोग साहस दिखाने के लिए, रिस्क उठाने के लिए तैयार होते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिलों में देश की पहली अप्रोच रही कि इन जिलों की मूलभूत समस्याओं को पहचानने पर खास काम किया गया। इसके लिए लोगों से उनकी समस्याओं के बारे में सीधे पूछा गया, उनसे जुड़ा गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरी अप्रोच रही कि आकांक्षी जिलों के अनुभवों के आधार पर हमने कार्यशैली में निरंतर सुधार किया। हमने काम का ऐसा तरीका तय किया जिसमें मापने योग्य संकेतकों का चयन हो।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया के रूप में देश एक मौन क्रांति का साक्षी बन रहा है। हमारा कोई भी जिला इसमें पीछे नहीं छुटना चाहिए। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे हर गांव तक पहुंचे, सेवाओं और सुविधाओं की डोर स्टेप डिलिवरी का जरिया बने, यह बहुत जरूरी है
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