सोशल जर्नलिस्ट की भूमिका में जोधपुर के दीक्षित परिहार
सोशल जर्नलिस्ट की भूमिका में जोधपुर के दीक्षित परिहार
जोधपुर/दक्षिण भारत। आजकल सोशल मीडिया को लेकर देश के युवा अलग ही फॉर्म में हैं। वे सिटीजन जर्नलिस्ट की भूमिका का निर्वहन करते हुए आसपास की ऐसी घटनाओं से रूबरू करवाने का कार्य कर रहे हैं जो बड़े तौर पर सामने नहीं आतीं।
जोधपुर में रहने वाले युवा पत्रकार दीक्षित परिहार पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। एयरपोर्ट बीट कवर करने वाले इस युवा पत्रकार को कुछ लोग सेलेब्रिटी जर्नलिस्ट भी कहते हैं। बतौर फोटोग्राफर उनके द्वारा खींची गई देश दुनिया की सेलेब्रिटीज़ की फोटो देश के जाने-माने अखबारों में प्रकाशित हुई हैं। जोधपुर की धरती पर कदम रखने वाली जानी मानी हस्तियों से मिलकर उनके इंटरव्यू ले चुके दीक्षित इंजीनियरिंग के स्टूडेंट रहे हैं।इंजीनियरिंग के साथ ही पत्रकारिता में आने की प्रेरणा उन्हें पिता जितेंद्र परिहार से मिली जो लंबे अरसे तक डिफेंस कोरेस्पोंडेंट रहे हैं। इन दिनों दीक्षित परिहार को जर्नलिस्ट के साथ-साथ सामाजिक सरोकार निभाने वाले मीडिया कर्मी के रूप में भी जाना जाने लगा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सूचनाओं के आदान प्रदान का बखूबी इस्तेमाल उन्होंने कर दिखाया है। उन्हें जरूरतमंद लोगों की मदद करना अच्छा लगता है, वह चाहते हैं कि जरूरतमंद लोगों के लिए वे हर संभव प्रयास करें। कोरोनाकाल में उन्होंने अपनी पत्रकारिता के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी रुचि दिखाई।
इन दिनों उन्होंने जोधपुर के समीपवर्ती रेतीले धोरों पर रहने वाले गांवों के लोगों को कोरोना वैक्सीन से जागरूक करने का बीड़ा उठाया है। कोरोना वायरस से उपजा संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। दूसरी और देखें तो कोरोना से बचने के लिए जहां वैक्सीन प्रभावी है, वहीं ग्रामीणों में इसे लेकर काफी भय और अनभिज्ञता का माहौल है। ग्रामीणों की सोच है कि कोरोना की वैक्सीन लगवाने से मृत्यु भी हो सकती है।
जोधपुर के उत्साही युवा पत्रकार दीक्षित सोशल मीडिया पर ताज़ा मुद्दों को लेकर जनजागरण के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने जोधपुर के ओसिया के निकट गांव डाबड़ी, खाबड़ा, खेतासर आदि गांवों में जाकर ग्रामीणों को वैक्सीन लगवाने के फायदों को लेकर जागरूक किया।
जोधपुर के ओसियां के आस पास में रेतीले धोरों पर बसे कच्चे झोंपड़ों में रह रहे ग्रामीणों को जागरूक किया जहां डिजिटल मीडिया तो क्या मूलभूत पानी तक की भी सुविधा नहीं है। जब उन्होंने गांवों का रुख किया तो स्थानीय लोगों में भय था की वैक्सीन से काफी लोगों की मौत हो रही है, इस अफ़वाह पर परिहार ने वहा के मेडिकल स्टाफ की मदद से ऐसे लोगों का पता लगाया जो वैक्सीन नहीं लगवा रहे थे।
दीक्षित ने गांव में तकरीबन 500 पेम्पलेट बांटे और घर घर जाकर पिछले कई दिनों से सर्वे कर रहे है व कोरोना महामारी को लेकर सरकार, सामाजिक संस्थाएं और लोग अपने हिसाब से लोगो में कोरोना वायरस को लेकर जागरूकता फैला रहे हैं।
अभाव को देखते हुए परिहार ने मेडिकल स्टाफ के साथ उन लोगो तक पहुंचे जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई । वहाँ पहुंचकर लोगो को वैक्सीन से होने वाले फायदों के बारे में बताया तो लोगो ने रुचि दिखाते हुए कोरोना की वैक्सीन लगवाई व बाकी गांव वालो ने भी जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाने का आश्वाशन दिया ।
परिहार ने डाबड़ी गांव के पंचायत कार्यालय में भी लोगो को जागरूक किया व गांव वालो से अपने पूरे परिवार को वैक्सिनेट करवाने की बात कही।
जब अक्षय ने कहा, मेरी फोटो कौन लेगा!
अभिनेता अक्षय कुमार के साथ एक बार मैं खुद फोटो खिंचवाने गया तो अभिनेता अक्षय कुमार ने कह डाला कि अगर तुम मेरे साथ फोटो खींच आओगे तो मेरी फोटो कौन खींचेगा। वह बहुत ही खुश मिजाज में यह शब्द बोल कर उन्होंने मेरे साथ फोटो खिंचवाई।
प्रस्तुति: मोईनुद्दीन चिश्ती
(देश के वरिष्ठ लेखक-पत्रकार हैं और अपनी सकारात्मक लेखनी के लिए ख़ासे लोकप्रिय हैं)