सवा सौ साल से कृष्ण जन्म की बधाइयां गाता आ रहा है यह मुस्लिम परिवार
सवा सौ साल से कृष्ण जन्म की बधाइयां गाता आ रहा है यह मुस्लिम परिवार
मथुरा/भाषा। कृष्ण भक्ति में लीन एक मुस्लिम परिवार, ब्रज में हिन्दू-मुस्लिम सांस्कृतिक एकता की अनूठी मिसाल पेश कर रहा है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर गोकुल में होने वाले नन्दोत्सव में यह परिवार आठ पीढ़ियों से लगातार बधाइयां गाता आ रहा है। आज इस परिवार के वंशजों- अकील, अनीश, अबरार, आमिर, गोलू आदि ने गोकुल के नन्दभवन में नन्दोत्सव के आयोजन के दौरान सुबह से दोपहर तक लगातार बधाइयां गा-बजाकर वहां पहुंचे देश-विदेश के श्रद्धालुओं को अपनी श्रद्धा व भक्ति से अभिभूत कर दिया।
वर्तमान में मास्टर खुदाबक्श बाबूलाल शहनाई पार्टी के रूप में लोकप्रिय होतीखान के परिवार के वंशजों के इस परिवार के सदस्य जन्माष्टमी के महापर्व के अगले दिन तड़के से ही गोकुल में बधाई गायन के लिए पहुंच जाते हैं। ये लोग गोकुल के मंदिरों में शहनाई वादन कर कृष्ण भक्तों को खूब रिझाते हैं। यमुनापार के रामनगर निवासी खुदाबक्श के नाती अकील व अनीश ने बताया, एक वक्त था जब उनके दादा खुदाबक्श के परदादा होतीखान भी एक आम शहनाईवादक के समान बच्चों के जन्म समारोह, शादी-विवाह आदि खुशियों पर या किसी के गुजर जाने पर गम के मौकों पर भी लोगों के यहां शहनाई वादन किया करते थे।एक बार उन्हें कान्हा के नन्दोत्सव कार्यक्रम में शहनाई वादन का मौका क्या मिला, उन्होंने इसे अपने लिए नियति का वरदान मान लिया और जब तक जीवित रहे, उन्होंने यह क्रम कभी नहीं तोड़ा। मरने से पूर्व अपने पुत्रों को भी यही शिक्षा दी कि वे कभी-भी, कहीं-भी गा-बजा लें, किंतु इस मौके पर यहां आना न भूलें। वे जीवन के अंतिम समय तक गोकुल के नन्द किला भवन, नन्द भवन, राजा ठाकुर व नन्द चौक आदि मंदिरों में श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर बधाई गायन करते रहे। अपने वंशजों से भी इस परम्परा को जीवित रखने का वचन लिया। इसके बाद उनके वंशजों ने भी इस वचन का शत-प्रतिशत पालन किया।
इसके लिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन से वे अपने बीस-बाइस सदस्यीय अपने दल को एक हफ्ते पहले से श्रीकृष्ण के पद, भजन व गीतों पर रियाज कराते हैं और नन्दोत्सव के अवसर पर बिना किसी पूर्व सूचना के तड़के पांच बजे पूरी टीम व साजो-सामान के साथ गोकुल पहुंच जाते हैं।
About The Author
Related Posts
Latest News
