इस 'सब्ज़ बाग़' से रहें सावधान
ऑनलाइन गेमिंग और जुए से लोग बर्बाद हो रहे हैं

जुआ, सट्टा जैसी गतिविधियां अपने साथ बर्बादी ही लाएंगी
भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में और तेजी लाने की जरूरत है। उसने साल 2024 में 1,097 ऐसी वेबसाइटों को ब्लॉक किया था, जो बहुत बड़ा आंकड़ा है, लेकिन ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए से लोगों के बर्बाद होने का सिलसिला जारी है। बेशक सरकार को ऐसी किसी वेबसाइट को ब्लॉक करने और संबंधित लोगों को अदालत से सजा दिलाने के लिए ठोस आधार और सबूतों की जरूरत होती है। अगर पर्याप्त सबूत न मिलें तो ऐसे लोगों को जेल से बाहर आने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। जनता को भी जागरूक होना पड़ेगा। इन दिनों सोशल मीडिया पर सट्टेबाजी और जुए को बढ़ावा देने वाले विज्ञापन खूब प्रसारित हो रहे हैं। उनमें कुछ सेलिब्रिटीज़ दिखाई दे रहे हैं। कुछ कथित यूट्यूबरों और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसरों की तो चांदी हो गई है। उन्हें लाखों लोग फॉलो करते हैं और वे उन्हें बता रहे हैं कि जल्द अमीर बनना है तो यह ऐप डाउनलोड करें, मेरा कोड लगाएं। अगर किसी को नुकसान हो गया तो उसकी भरपाई कौन करेगा? क्या ये कथित यूट्यूबर और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर उस समय उदारता दिखाते हुए संबंधित लोगों के बैंक खातों में रकम भेजेंगे? हैदराबाद में ऐसे 11 यूट्यूबरों और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसरों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। इन पर सोशल मीडिया मंचों पर सट्टेबाजी संबंधी ऐप को बढ़ावा देने का आरोप है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा कि साइबर जगत की अच्छी चीजें लेनी चाहिएं, इसकी बुराइयों से बचना चाहिए ... ऑनलाइन गेमिंग के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए राज्य सरकारों और केंद्र को मिलकर काम करना होगा।
वहीं, अन्य सांसदों का यह कहते हुए चिंता जताना भी स्वाभाविक है कि ऑनलाइन गेमिंग और जुए से कई युवा और उनके परिवार बर्बाद हो गए हैं। इन गतिविधियों का 'ऑनलाइन जहर' इतना ज्यादा फैल चुका है कि अब हर कहीं ऐसे लोगों के बारे में सुनने को मिल जाता है कि वे या उनके कोई परिचित, लालच में आकर बहुत बड़ी रकम गंवा बैठे। खासकर आईपीएल के दौरान तो बहुत लोग दांव लगाकर अपनी जमा-पूंजी हार जाते हैं। जब वे रातोंरात करोड़पति बनने के चक्कर में कंगाल होते हैं तो भारी पछतावा होता है। इसके बावजूद उनमें से बहुत लोग ऑनलाइन सट्टे और जुए की लत नहीं छोड़ पाते। तब उनके सिर पर यह जुनून सवार रहता है कि मुझे पिछले 'घाटे की भरपाई' करनी है। वे उस भरपाई के फेर में अपना ही नुकसान करवा बैठते हैं। एक के बाद एक दांव उल्टा पड़ने से मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर होता है। क्रिकेट मैचों पर ऑनलाइन सट्टा लगाने वाला एक शख्स, जिसका अच्छा-खासा कारोबार हुआ करता था और उसके उज्ज्वल भविष्य की भरपूर संभावनाएं थीं, अब उन सेलिब्रिटीज को कोसता है, जिनके कहने पर उसने अपने मोबाइल फोन में एक ऐप डाउनलोड किया था। शुरुआत में उसे थोड़ा-बहुत फायदा हुआ, लेकिन जैसे-जैसे आगे बढ़ता गया, नुकसान होता गया। अब स्थिति यह है कि वह जिस मकान में रहता था, उसे कौड़ियों के भाव बेचकर ऐसी जगह रहना पड़ रहा है, जिसकी उसने कभी कल्पना नहीं की थी। उसका कारोबार चौपट हो गया, क्योंकि नया माल खरीदने के लिए रकम नहीं थी। बाज़ार में यह बात फैल चुकी थी कि इसे सट्टे में भारी नुकसान हो गया है तो कोई भला इन्सान उधार नहीं देता। उसके घर में रोजाना झगड़े होते हैं। कई बार तो बीच-बचाव के लिए पड़ोसियों को आना पड़ता है। दांव छोटा हो या बड़ा, जुआ, सट्टा जैसी गतिविधियां अपने साथ बर्बादी ही लाएंगी। इनसे संबंधित ऐप डाउनलोड करने के लिए कोई सेलिब्रिटी, यूट्यूबर या सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर कितने ही 'सब्ज़ बाग़' दिखाए, उसकी बातों में बिल्कुल न आएं। नुकसान होने पर ये लोग मदद करने नहीं आएंगे।