ब्रिटेन: ग्रूमिंग गैंग पर चुप्पी क्यों?
ब्रिटिश समाज पहले जैसा सुरक्षित नहीं रहा है
ग्रूमिंग गैंग जैसी समस्याओं की जड़ें ब्रिटेन में काफी गहरी हैं
टेक उद्योगपति एलन मस्क ने ब्रिटेन में बाल यौन शोषण की घटनाओं का मुद्दा उठाते हुए जिस तरह प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर पर हमला बोला, उससे हंगामा होना तय था। मस्क यह जानते थे और उन्होंने ब्रिटिश समाज के उस पहलू को सामने लाने की कोशिश की है, जिसे आमतौर पर काफी छिपाया जाता है। यह सच है कि ब्रिटेन में ऐसे अपराधों को अंजाम देने वाले कई गिरोह मौजूद हैं, जिन्हें ग्रूमिंग गैंग के नाम से जाना जाता है। इनमें पाकिस्तान से आए पुरुषों की काफी बड़ी तादाद है। ब्रिटिश पुलिस और जांच एजेंसियां इस तथ्य से भलीभांति परिचित हैं, लेकिन खुलकर बोलने से बचती हैं। ब्रिटेन की पूर्व गृह मंत्री स्वेला ब्रेवरमैन ने पद पर रहते हुए यह मुद्दा उठाया था, जिससे पाकिस्तानी उन पर भड़क उठे थे। इसके बाद स्वेला की 'छुट्टी' कर दी गई, लेकिन बहुत लोगों ने उनके बयान की तारीफ की थी। ग्रूमिंग गैंग जैसी समस्याओं की जड़ें ब्रिटेन में काफी गहरी हैं। इस संबंध में मंत्री और सरकारी अधिकारी चुप्पी साधकर रखना ही बेहतर समझते हैं, चूंकि सबको अपनी 'नौकरी' प्रिय है। अलबत्ता घरों में लोग अपनी बेटियों को समझाने लगे हैं कि ब्रिटिश समाज उनके लिए पहले जैसा सुरक्षित नहीं रहा है। अगर वे किसी से 'दोस्ती' करती हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखने में कोई बुराई नहीं है, ताकि भविष्य में किसी बड़े नुकसान से बच जाएं। भारतीय मूल के कई परिवार भी ब्रिटेन में रहते हैं, इसलिए पाकिस्तानी ग्रूमिंग गैंग्स के बारे में हमें पता होना चाहिए। ये क्या हैं, इनका संचालन कैसे होता है, इनके इरादे क्या हैं, इनके पीछे कौनसे तत्त्व हैं ... जैसे कई सवालों पर खुलकर बात करने का समय आ गया है।
दरअसल पाक मूल के कई पुरुषों का ख्वाब होता है कि वे ब्रिटेन जाएं, वहां सभी सुख-सुविधाओं का उपभोग करें, ब्रिटेन में रहकर ज्यादा से ज्यादा अधिकारों की मांग करें, लेकिन कर्तव्यों से दूरी बनाए रखें और सामाजिक ताने-बाने को तहस-नहस करें। इसके पीछे पाकिस्तानी समाज की संकीर्ण सोच भी एक वजह है, जो विभिन्न माध्यमों से बचपन में ही लोगों के मन में भर दी जाती है। पाकिस्तानी माहौल में पला-बढ़ा और उसे दुनिया का बेहतरीन समाज समझने वाला शख्स जब ब्रिटेन जाता है तो अपनी सोच से मुक्त नहीं हो पाता, बल्कि कई लोग तो ब्रिटिश माहौल में रहकर और ज्यादा संकीर्ण मानसिकता से ग्रस्त हो जाते हैं। वे हमेशा ब्रिटिश समाज और सरकार की निंदा करते रहते हैं। यही नहीं, वे ब्रिटिश महिलाओं के परिधान और रहन-सहन पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हैं। वे जब कोई ऐसा काम करते हैं, जिसे नैतिक दृष्टि से उचित नहीं माना जाता और ब्रिटिश कानून भी उसकी इजाजत नहीं देता, लेकिन उससे अंग्रेजों को किसी भी तरह का नुकसान होता है तो उनके मन में कोई पछतावा नहीं होता। उन्हें लगता है कि ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है। सोशल मीडिया पर कई पाकिस्तानी उपदेशकों के भाषण मौजूद हैं, जिनमें वे पाकिस्तानी पुरुषों को ऐसे कृत्य करने के लिए उकसाते हैं। ग्रूमिंग गैंग्स में शामिल कई पाकिस्तानी पुरुष अंग्रेज लड़कियों को ड्रग्स की लत लगाकर उनसे दुष्कर्म जैसे अपराधों में लिप्त पाए गए हैं। वे उन बच्चियों को साजिशन नशाखोरी की ओर धकेलते हैं। जब मामले का भंडाफोड़ होता है तो खुद को निर्दोष बताते हैं। कई पाकिस्तानी ऐसे पाए गए हैं, जिन्होंने ब्रिटेन में खुद को कुंआरा बताकर अंग्रेज युवती से शादी कर ली। जब नागरिकता समेत सभी दस्तावेज हाथ में आ गए और सरकारी सुविधाएं मिलने का रास्ता साफ हो गया तो पाकिस्तान जाकर अपनी बीवी को ले आए। कई पाकिस्तानियों ने अपने मुल्क में एक से ज्यादा शादियां कर रखी थीं। उन्होंने ब्रिटिश नागरिकता पाने के लिए अंग्रेज युवती से शादी का ढोंग किया, उसे अंधेरे में रखा। अब सोशल मीडिया के जमाने में उनके 'कारनामे' सामने आ रहे हैं तो स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। वहीं, ब्रिटिश सरकार से वोटबैंक का मोह नहीं छूट रहा है। अब तो पाक मूल के कई यूट्यूबर इन ग्रूमिंग गैंग्स के खिलाफ आवाजें उठाते हुए ब्रिटिश सरकार को आड़े हाथों ले रहे हैं। अगर सरकार का रवैया न बदला और वह घटनाओं पर 'लीपापोती' ही करती रही तो भविष्य में हालात मुश्किल हो सकते हैं।