आत्मनिर्भर, प्रतिस्पर्धी और मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण में स्वदेशी उद्योगों की अहम भूमिका: राष्ट्रपति

मुर्मू ने आईओएफएस और आईडीएएस के परिवीक्षाधीनों को संबोधित किया

आत्मनिर्भर, प्रतिस्पर्धी और मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण में स्वदेशी उद्योगों की अहम भूमिका: राष्ट्रपति

उन्होंने कहा, ‘भारत एक समावेशी और विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल करने की यात्रा पर निकल पड़ा है'

नई दिल्ली/भाषा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि भारत एक समावेशी और विकसित देश के लक्ष्य को हासिल करने की यात्रा पर निकल पड़ा है तथा आत्मनिर्भर, प्रतिस्पर्धी और मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण में स्वदेशी उद्योगों की भूमिका काफी अहम है।

Dakshin Bharat at Google News
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई नीतिगत पहल की हैं तथा रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए कई सुधार किए गए हैं।

मुर्मू ने यहां राष्ट्रपति भवन में भारतीय ऑर्डिनेंस फैक्‍टरी सेवा के अधिकारियों (आईओएफएस) और भारतीय रक्षा लेखा सेवा (आईडीएएस) के परिवीक्षाधीनों को संबोधित करते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा, ‘भारत एक समावेशी और विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल करने की यात्रा पर निकल पड़ा है। आप सभी जानते हैं कि आत्मनिर्भर, प्रतिस्पर्धी और मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण में स्वदेशी उद्योगों की बहुत अहम भूमिका होती है।’

मुर्मू ने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत', 'मेक इन इंडिया', 'स्टार्टअप इंडिया' और 'राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन' जैसे अभियान तथा पहल इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए बनाए गए कुछ प्रमुख कार्यक्रम हैं।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि आईओएफएस अधिकारी रक्षा प्रणालियों में स्वदेशीकरण के प्रेरक और सूत्रधार होंगे तथा उनसे भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में काम करने की उम्मीद की जाएगी।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम जानते हैं कि भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2013-14 के 686 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2022-23 में लगभग 16,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। भारत का रक्षा निर्यात 85 से अधिक देशों तक पहुंच गया है और भारत के रक्षा उद्योग ने दुनिया में डिजाइन और विकास के क्षेत्र में अपनी क्षमता का लोहा मनवाया है।’

राष्ट्रपति ने बताया कि देश की लगभग 100 कंपनियां रक्षा उत्पादों का निर्यात करती हैं।

उन्होंने कहा कि भारत अब कई प्रकार के रक्षा उत्पादों का निर्यात करता है, जिसमें डोर्नियर-228 विमान, ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका रॉकेट और लॉन्चर, रडार, सिमुलेटर आदि शामिल हैं।

राष्ट्रपति ने भारतीय रक्षा लेखा सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे देश के सशस्त्र बलों के वित्तीय पहलुओं के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वे रक्षा क्षेत्र के भीतर कुशल वित्तीय प्रबंधन और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उत्‍तरदायी होंगे।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अपनी पेशेवर ईमानदारी और अपने मजबूत प्रशिक्षण मॉड्यूल के आधार पर, आईडीएएस अधिकारी रक्षा बलों में वित्तीय विवेकशीलता को बढ़ावा देने और राष्ट्र निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम होंगे।

राष्ट्रपति ने उनसे रक्षा प्रणालियों के कामकाज में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए लेखापरीक्षण और लेखांकन के लिए नवीनतम तकनीकों और तरीकों को अंगीकार करने की अपील की।

राष्ट्रपति ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे ऐसे समय में इन सेवाओं में शामिल हुए हैं जब देश स्थानीय और वैश्विक स्तर पर व्यापक बदलाव के दौर से गुजर रहा है।

मुर्मू ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘नई प्रौद्योगिकियों के उद्भव और नवीनतम तकनीकों तथा सूचनाओं के विश्‍व के हर हिस्से में त्‍वरित गति से फैलने के साथ, एक विकसित राष्ट्र के निर्माण और भारत को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में आपकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी। आपके विचार, निर्णय और कार्य रक्षा प्रणालियों और देश के भविष्य को आकार देने में व्‍यापक स्‍तर पर योगदान देंगे।’

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download