जम्मू-कश्मीर: अनंतनाग में आतंक विरोधी अभियान छठे दिन भी जारी
पुलिस का मानना है कि वन क्षेत्र में दो से तीन आतंकी छिपे हुए हैं
'हमारे सैनिकों पर पूरा भरोसा है ... पूरा देश जवानों के साथ एकजुटता से खड़ा है'
श्रीनगर/भाषा। जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग जिले के गडोले वन क्षेत्र में छिपे आतंकवादियों का सफाया करने के लिए चलाया गया अभियान सोमवार को छठे दिन भी जारी है। आतंकवादियों के ठिकानों का पता लगाने के सुरक्षा बल ड्रोन का प्रयोग कर रहे हैं और लगातार कार्रवाई कर रहे हैं।
केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मुठभेड़ में शहीद हुए सेना के तीन अधिकारियों की शहादत का बदला लेने की कसम खाई है।यहां मौजूद अधिकारियों के मुताबिक, पिछले पांच दिनों से जारी इस आतंक विरोधी अभियान के दौरान नष्ट हुए आतंकी ठिकानों में से एक के समीप ड्रोन की फुटेज में एक व्यक्ति का जला हुआ शव पड़ा दिखाई दे रहा है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों द्वारा इलाके की छानबीन करने के बाद ही अधिक जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बल घने वन क्षेत्र में ड्रोन और हेलीकॉप्टर के जरिए तलाश कर रहे हैं। माना जा रहा है कि बुधवार को शुरुआती मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारियों और एक पुलिस उपाधीक्षक के शहीद होने के बाद से आतंकवादी यहीं छिपे हैं। अधिकारियों ने बताया कि वन क्षेत्र में कई गुफानुमा ठिकाने हैं।
अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादी आवासीय इलाकों में न घुस पाएं, यह सुनिश्चित करने के लिए एहतियात के तौर पर पड़ोसी पोश क्रेरी इलाके तक सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया है।
रविवार देर शाम यहां एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि शहीदों के खून की एक-एक बूंद का बदला लिया जाएगा और आतंकवादियों के आकाओं को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
सिन्हा ने कहा, 'हमें हमारे सैनिकों पर पूरा भरोसा है ... पूरा देश जवानों के साथ एकजुटता से खड़ा है।'
उन्होंने दावा किया कि अनंतनाग में सुरक्षा बलों पर हमला, जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन और जम्मू-कश्मीर में संघर्षरत मुनाफाखोरों पर कार्रवाई से बौखलाए आतंकियों की हताशा का परिणाम है।
सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और आम आदमी को दबाने वाले पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने का समय आ गया है।
पुलिस महानिदेशक (जीपी) और सेना की 15 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) सहित कश्मीर में सुरक्षा बल के शीर्ष अधिकारी अभियान पर नजर बनाए हुए हैं। सेना की उत्तरी कमान के कमांडर ने हालात का जायजा लेने के लिए शनिवार को मुठभेड़ स्थल का दौरा किया।
पुलिस का मानना है कि वन क्षेत्र में दो से तीन आतंकी छिपे हुए हैं।