आजादी के बाद जिस दल ने सबसे ज्यादा समय तक सरकार चलाई, उसने गांवों का भरोसा तोड़ा: मोदी
प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के रीवा में पंचायती राज दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया

'आजादी के बाद की सरकारों ने भारत की पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त किया'
रीवा/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मध्य प्रदेश के रीवा में पंचायती राज दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने सबको शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज आपके साथ 30 लाख से अधिक पंचायत प्रतिनिधि भी वर्चुअली जुड़े हुए हैं। यह निश्चित रूप से भारत के लोकतंत्र की बहुत ही सशक्त तस्वीर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सब जनता के प्रतिनिधि हैं। हम सब इस देश के लिए, इस लोकतंत्र के लिए समर्पित हैं। काम के दायरे भले ही अलग हों, लेकिन लक्ष्य एक ही है- जनसेवा से राष्ट्रसेवा।प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के इस अमृतकाल में हम सभी देशवासियों ने विकसित भारत का सपना देखा है और उसे पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। भारत को विकसित बनाने के लिए भारत के गांवों की सामाजिक व्यवस्था को विकसित करना जरूरी है। इसी सोच के साथ हमारी सरकार देश की पंचायत व्यवस्था को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 से पहले के 10 वर्षों में केंद्र सरकार की मदद से 6,000 के आस-पास ही पंचायत भवन बनवाए गए थे। पूरे देश में करीब-करीब 6,000 पंचायत घर ही बने थे। हमारी सरकार आठ वर्षों के अंदर-अंदर ही 30 हजार से ज्यादा नई पंचायतों का निर्माण करवा चुकी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकार ने 70 से भी कम ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा। यह हमारी सरकार है, जो देश की 2 लाख से भी ज्यादा पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर ले गई है।
फर्क साफ है- आजादी के बाद की सरकारों ने भारत की पंचायती राज व्यवस्था को ध्वस्त किया। जो व्यवस्था सैकड़ों वर्ष, हजारों वर्ष पहले से थी, उसी पंचायती राज व्यवस्था पर आजादी के बाद भरोसा ही नहीं किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2014 के बाद से, देश ने अपनी पंचायतों के सशक्तीकरण का बीड़ा उठाया है और आज इसके परिणाम नजर आ रहे हैं। आज भारत की पंचायतें गांवों के विकास की प्राणवायु बनकर उभर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल क्रांति के इस दौर में अब पंचायतों को भी स्मार्ट बनाया जा रहा है। आज ई-ग्राम स्वराज-जीईएम इंटीग्रेटेड पोर्टल का शुभारंभ किया गया है। इससे पंचायतों के माध्यम से होने वाली खरीद की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां गांव के घरों के प्रॉपर्टी के कागजों को लेकर बहुत उलझनें रही हैं। इसके चलते भांति-भांति के विवाद होते हैं, अवैध कब्ज़ों की आशंका होती है। 'पीएम स्वामित्व योजना' से अब ये सारी स्थितियां बदल रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद जिस दल ने सबसे ज्यादा समय तक सरकार चलाई, उसने ही हमारे गांवों का भरोसा तोड़ दिया। गांव में रहने वाले लोग, गांव के स्कूल, गांव की सड़कें, गांव की बिजली, गांव में भंडारण, गांव की अर्थव्यवस्था ... कांग्रेस सरकार के दौरान इन सबको सरकारी प्राथमिकताओं में सबसे निचले पायदान पर रखा गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के गांवों को जब बैंकों की ताकत मिली है, तो खेती-किसानी से लेकर व्यापार—कारोबार तक, सब में गांव के लोगों की मदद हो रही है। हमने जनधन योजना चलाकर गांव के 40 करोड़ से ज्यादा लोगों के बैंक खाते खुलवाए। हमने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से गांवों तक बैंकों की पहुंच बढ़ाई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारें गांव के लिए पैसे खर्च करने से बचती थीं, क्योंकि गांव अपने आप में कोई वोट बैंक तो था ही नहीं ... इसलिए उन्हें नजरअंदाज किया जाता था। गांव के लोगों को बांटकर कई राजनीतिक दल अपनी दुकान चला रहे थे। भाजपा ने गांवों के साथ हो रहे इस अन्याय को भी समाप्त कर दिया है। हमारी सरकार ने गांवों के विकास के लिए तिजोरी खोल दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए देश की हर पंचायत, हर संस्था, हर प्रतिनिधि, हर नागरिक को जुटना होगा। यह तभी संभव है, जब मूल सुविधा तेज़ी से शत-प्रतिशत लाभार्थी तक पहुंचे, बिना किसी भेदभाव के पहुंचे।
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