
मंत्रिमंडल विस्तार और चुनावी तैयारियों पर चर्चा करने दिल्ली जाएंगे बोम्मई
बोम्मई ने मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना से इनकार नहीं किया
उन्होंने कहा कि बैठक के बाद चीजों का पता चलेगा
बेलगावी/भाषा। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा कि वे मंत्रिमंडल विस्तार और 2023 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा करने के वास्ते दोपहर बाद दिल्ली रवाना होंगे।
बोम्मई ने मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना से इनकार नहीं किया और कहा कि बैठक के बाद चीजों का पता चलेगा।
बोम्मई ने कहा, ‘मैं आज दोपहर बाद दिल्ली जा रहा हूं। पिछली बार जब मैं दिल्ली गया था तो कुछ चर्चा अधूरी रह गई थी। आज बैठक निर्धारित की गई है। हमारे (भाजपा के) राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह बैठक बुलाई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित हमारे सभी वरिष्ठ नेता उस बैठक में भाग लेंगे।’
उन्होंने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि चुनाव की तैयारियों से लेकर मंत्रिमंडल विस्तार तक कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
यह पूछे जाने पर कि यह कैबिनेट विस्तार होगा या फेरबदल, मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सब बातें चर्चा के बाद ही पता चलेंगी। उन्होंने कहा कि वे यात्रा के दौरान राज्य से संबंधित परियोजनाओं के संबंध में कुछ केंद्रीय मंत्रियों के साथ भी बातचीत करेंगे और केंद्रीय जल संसाधन मंत्री से मिलने का प्रयास करेंगे।
बोम्मई ने पहले संकेत दिया था कि कैबिनेट संबंधी कवायद गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद होने की संभावना है।
अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव से पहले, नए चेहरों के लिए जगह बनाने के वास्ते मंत्रिमंडल के विस्तार और फेरबदल को लेकर मुख्यमंत्री पर पिछले कुछ समय से काफी दबाव है।
ऐसी खबरें आई थीं, जिनमें छह रिक्त सीटों को भरकर या कुछ को हटाकर और समान संख्या में नए चेहरों को शामिल करके एक तरह का फेरबदल करके संभावित मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत मिले थे। कुछ हलकों में यह भी चर्चा थी कि गुजरात की तरह राज्य मंत्रालय में ऊपर से नीचे तक का पूरा कायापलट किया जा सकता है। हालांकि कई दावेदारों को लगता है कि अब बहुत देर हो चुकी है, क्योंकि चुनाव नजदीक हैं।
यह भी उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री पार्टी नेतृत्व के साथ राज्य में आरक्षण संबंधी मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।
बोम्मई को पहले अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आरक्षण को बढ़ाने के अपनी सरकार के फैसले के लिए कानूनी संरक्षण सुनिश्चित करना होगा, जिसने कर्नाटक में कुल आरक्षण को 56 प्रतिशत कर दिया है, जो 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक है।
इसके अलावा, पंचमसाली लिंगायत स्वयं को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण श्रेणी 3बी से श्रेणी 2ए के तहत डालने का उन पर दबाव बढ़ा रहे हैं। फिर, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आंतरिक आरक्षण लागू करने का दबाव है। साथ ही, वोक्कालिगा बोम्मई पर अपने आरक्षण का कोटा 4 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने का दबाव बना रहे हैं।
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