मई में जीएसटी संग्रह 1.41 लाख करोड़ रु. पिछले साल की तुलना में इतना बढ़ा

मई में जीएसटी संग्रह 1.41 लाख करोड़ रु. पिछले साल की तुलना में इतना बढ़ा

वित्त मंत्रालय ने बुधवार को मई, 2022 के जीएसटी संग्रह के आंकड़े जारी करते हुए यह जानकारी दी


नई दिल्ली/भाषा। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में वृद्धि का सिलसिला दो माह के बाद मई में थम गया और यह एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 44 प्रतिशत बढ़कर करीब 1.41 लाख करोड़ रुपए रहा।

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वित्त मंत्रालय ने बुधवार को मई, 2022 के जीएसटी संग्रह के आंकड़े जारी करते हुए यह जानकारी दी। आंकड़ों के मुताबिक, मई में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,40,885 करोड़ रुपए रहा। अप्रैल में जीएसटी संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर रहा था। उसके पहले मार्च में भी जीएसटी संग्रह 1.42 लाख करोड़ रुपए रहा था।

मई में जीएसटी संग्रह में गिरावट आने के बावजूद यह अबतक का चौथा सर्वाधिक कर संग्रह है। इस साल जनवरी में जीएसटी संग्रह 1,40,986 करोड़ रुपए रहा था। वर्ष, 2022 में सबसे कम कर संग्रह फरवरी में 1.33 लाख करोड़ रुपए रहा था।

मई, 2022 के लिए राजस्व संग्रह मई, 2021 की तुलना में 44 प्रतिशत बढ़ गया। एक साल पहले के समान महीने में जीएसटी संग्रह 97,821 करोड़ रुपए रहा था।

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘मई के कुल 1,40,885 करोड़ रुपए के जीएसटी संग्रह में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) का हिस्सा 25,036 करोड़ रुपए रहा। राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) संग्रह 32,001 करोड़ रुपए और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) संग्रह 73,345 करोड़ रुपए रहा। इसके अलावा 10,502 करोड़ रुपए का उपकर भी जुटाया गया।’’

मंत्रालय ने मई में कर संग्रह कम रहने की वजह बताते हुए कहा, ‘‘वित्त वर्ष के पहले महीने अप्रैल की तुलना में मई में राजस्व संग्रह हमेशा कम रहा है। अप्रैल में पिछले वित्त वर्ष के अंतिम महीने मार्च के रिटर्न भी शामिल होते हैं। वहीं मई के संग्रह में अप्रैल के रिटर्न जु़ड़े रहते हैं।’’

मंत्रालय ने कहा कि इसके बावजूद मई के महीने में जीएसटी राजस्व का 1.40 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहना खासा उत्साहजनक है।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, अप्रैल में कुल 7.4 करोड़ ई-वे बिल निकाले गए, जो मार्च के 7.7 करोड़ ई-वे बिल से करीब चार प्रतिशत कम है।

डेलॉयट इंडिया के भागीदार एम एस मणि ने कहा कि पिछले तीन महीनों से जीएसटी संग्रह का 1.40 लाख करोड़ रुपए से ऊपर रहना एक तरह की स्थिरता को दर्शाता है और अर्थव्यवस्था की वृद्धि का एक बढ़िया संकेतक है।

इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि सालाना आधार पर जीएसटी संग्रह में ऊंची वृद्धि की वजह मई, 2021 के महामारी के समय का निचला आधार प्रभाव भी है।

उन्होंने कहा कि अप्रैल-मई के राजस्व रुझानों को देखते हुए महामारी की कोई अन्य लहर न आने और बड़ा गतिरोध न होने की स्थिति में वित्त वर्ष 2022-23 में सीजीएसटी संग्रह 1.15 लाख करोड़ रुपए के बजट अनुमान से अधिक रह सकता है।

टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी के साझेदार विवेक जालान ने कहा कि मौजूदा रुझानों को देखते हुए 1.5 लाख करोड़ रुपए का मासिक जीएसटी संग्रह लक्ष्य हासिल होने की उम्मीद है।

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