स्वच्छ ऊर्जा के लिए शुरू होगा बैटरी स्टोरेज मिशन
स्वच्छ ऊर्जा के लिए शुरू होगा बैटरी स्टोरेज मिशन
नई दिल्ली। स्वच्छ ऊर्जा को ब़ढावा देने के लिए सरकार राष्ट्रीय बैटरी स्टोरेज मिशन शुरू करने वाली है जिसके लिए आरंभ में ४०० करो़ड रुपए का प्रावधान किया जाएगा।ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने मंगलवार को यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं को बताया कि स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में भंडारण एक ब़डी समस्या है। इसे देखते हुए सरकार ने राष्ट्रीय बैटरी स्टोरेज मिशन शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत अब हर सौर एवं पवन ऊर्जा परियोजना में स्टोरेज को जरूरी अंग बनाया जाएगा। साथ ही इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास तथा जरूरत प़डने पर स्टोरेज के निर्माण में मदद के लिए मिशन के तहत आरंभिक चरण में ४०० करो़ड रुपए की राशि का प्रावधान भी किया जाएगा। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा ’’बिजली क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास के मौके तथा चुनौतियां’’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन के बाद सिंह ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि छोटी स्टोरेज क्षमता के निर्माण पर सरकार की तरफ से मदद की जरूरत नहीं होगी। लेकिन, यदि ब़डी स्टोरेज क्षमता बनानी है तो मदद जरूरी हो सकती है। इसके अलावा समुद्र के अंदर तट से दूर पवन ऊर्जा परियोजना लगाने पर बिजली पारेषण की लागत ब़ढ जाती है। उस स्थिति में भी क्षतिपूर्ति के रूप में मदद की जरूरत प़ड सकती है। उन्होंने बताया कि अभी मिशन के विस्तृत विवरण तैयार करने का काम चल रहा है। मसलन इसे कैसे लागू किया जाएगा। मिशन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय सौर ऊर्जा निगम को दी जा सकती है।उल्लेखनीय है कि सौर ऊर्जा या पवन ऊर्जा से उत्पन्न बिजली डीसी के रूप में होती है जिसका स्टोरेज एक ब़डी समस्या है। स्टोरेज सस्ता होने से ये परियोजनाएं तेजी से ब़ढेंगी। वर्ष २०२२ तक १७५ गीगा वाट हरित ऊर्जा का लक्ष्य हासिल करने के लिए स्टोरेज की समस्या का समाधान आवश्यक है। सिह ने अपने संबोधन में भी कहा कि स्टोरेज एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर काम करने की जरूरत है। सम्मेलन में कुल ४९ शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे जिनमें भारतीय संस्थानों तथा वैज्ञानिकों के साथ जर्मनी, अमेरिका और जापान के अनुसंधान करता भी अपना शोध पेश करेंगे। मंत्री ने अच्छे शोधपत्रों के लिए पुरस्कार देने तथा उन शोधों को संयंत्रों में लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वदेशी अनुसंधान को सिर्फ स्वदेशी होने के कारण हेय दृष्टि से नहीं देखने की सलाह दी।
About The Author
Related Posts
Latest News
