चीनी मूल के लोगों को करना पड़ रहा नस्लीय भेदभाव का सामना

चीनी मूल के लोगों को करना पड़ रहा नस्लीय भेदभाव का सामना

कोलकाता/भाषा। कोरोना वायरस महामारी को लेकर बढ़ती दहशत के बीच शहर में चीनी मूल के लोग नस्लीय भेदभाव का निशाना बने हैं। इनमें से कुछ लोग जन्म से ही यहां रहते हैं। फ्रांसिस यी लेपचा (41), जिनके दादा दशकों पहले चीन से आ गए थे, ने कहा कि वे बीमारी फैलने के बाद से उपेक्षा का सामना कर रहे हैं।

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पेशे से एक संगीतकार लेपचा ने टी-शर्ट पहनी एक तस्वीर फेसबुक पर पोस्ट की जिसमें उन्होंने कहा कि वे कोलकाता से है और कभी चीन नहीं गए। उन्होंने कहा, पुरी की अपनी हालिया यात्रा के दौरान, मैं लोगों को मुझ पर ताना मारते हुए और मुझे ‘कोरोना’ कहते हुए सुन सकता था। इसके बाद मैंने फैसला किया कि मुझे इसके बारे में कुछ करना चाहिए।

उन्होंने कहा, मैंने सोशल मीडिया पर एक सफेद टी-शर्ट पहनी हुई अपनी एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें कहा गया कि मैं शहर से हूं और मैं कभी भी चीन नहीं गया। यह तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो गई और कई लोगों ने इस घटना को लेकर खेद प्रकट किया।

शहर की एक व्यवसायी ने कहा कि उनकी एक परिचित को हाल ही में तंग्रा इलाके में एक किराने की दुकान पर ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था, जिसे कोलकाता के चाइना टाउन के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने कहा, उनके पिता चीनी मूल के है और मां नेपाली हैं। जब वह आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए किराने की दुकान पर गई तो दुकान मालिक ने उन्हें ‘कोरोना’ कहा। लड़की ने इसका विरोध किया जिसके बाद दुकानदार ने माफी मांगी।

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