पुलिस की ज्यादतियों से अपराधी न बन जाये जवान
पुलिस की ज्यादतियों से अपराधी न बन जाये जवान
सहारनपुर। सुप्रीम कोर्ट ने एक दशक से भी अधिक समय पहले सभी राज्यों को पुलिस आधुनिकीकरण का आदेश दिया था। इसमें पुलिस के काम करने के अंदाज और उसकी मानसिकता में बदलाव लाने की सिफारिश भी थी। किसी राज्य ने उस आदेश को गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस ने भ्रष्टाचार की राह भी नहीं छो़डी। अब हालत यह है कि भारतीय सरहदों की रक्षा करने वाले बीएसएफ का एक जवान अपने परिवार को पुलिस की ज्यादतियों से बचाने के लिए हथियार उठाने की बात कहने लगा है। फिलहाल वह भारत-बांग्लादेश सीमा पर पदस्थ है। जिले के गंगोह थाना क्षेत्र के गांव तातारपुर में रहनेवाले अजय सिंह नाम के इस जवान ने पुलिसिया हरकतों के बारे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शिकायती पत्र लिखे लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला। हारकर उसने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जो इन दिनों काफी वायरल हो रहा है। जवान वीडियो में यह कहता है कि उसके पिता किसान हैं लेकिन पुलिस ने उनके खेत में ख़डी फसल को ट्रैक्टर चलवाकर सपाट कर दिया और उस पर किसी अन्य व्यक्ति का कब्जा करवा दिया। पुलिस यहीं पर नहीं रुकी। उसने जवान अजय सिंह के पिता और भाई को जेल में डालने के बाद उसकी दो बहनों को वांछित सूची में डाल दिया। उसकी दोनों बहनें कॉलेज की छात्राएं हैं। आए दिन कथित अपराधियों और व्यापारियों को मुठभे़ड के नाम पर मार गिराने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस के इस रूप पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने चुप्पी साध ली है। इससे नाराज जवान ने वीडियो के अंतिम हिस्से में देश और राज्य की भाजपा सरकारों पर जवानों की समस्याएं न सुनने का आरोप लगाया है।ॅ·र्ैं द्बब्र्द्मय् झ्रुद्यय्द्मय् ब्स् द्बय्द्बध्य्जानकारी के मुताबिक, अजय सिंह के पिता सरदारा सिंह के नाम पर गांव तातारपुर में जमीन का पट्टा है। इसी पट्टे की जमीन पर वह खेती करते हैं। आरोप है कि ५ जनवरी को सरदारा सिंह, उनके बेटे प्रमोद कुमार सिंह और अन्य रिश्तेदारों के साथ पुलिस कर्मियों ने अभद्रता करते हुए मुकदमा लिखकर उन्हें जेल भेज दिया था, जबकि बहनों का नाम वांछित अपराधियों की सूची में डाल दिया। पुलिस दबंगई का एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें दारोगा व सिपाही बर्बरता करते दिखे, लेकिन गंगोह थाने के सीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट में पुलिस कर्मियों को क्लीनचिट देकर जवान के परिवार के सिर पर सारा दोष म़ढ दिया था। अजय सिंह ने सहारनपुर पुलिस के खिलाफ पहले मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा लेकिन उसे अब तक कहीं से मदद नहीं मिली है।