राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मप्र में क्या है सीटों का गणित और कौन बिगाड़ सकता है चुनावी बिसात?

राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मप्र में क्या है सीटों का गणित और कौन बिगाड़ सकता है चुनावी बिसात?

congress and bjp

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनावों की ​तिथियां घोषित कर दी हैं। यहां आचार संहिता लागू हो गई। अब राजनेताओं के साथ ही आम मतदाता भी सियासी गुणा—गणित में लग गए हैं। खासतौर से राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की चर्चा ज्यादा है। यहां भाजपा सत्ता में है और उसकी कांग्रेस से जोरदार टक्कर होने वाली है। इसके अलावा कुछ क्षेत्रीय दल भी हैं जो इस मुकाबले को और ज्यादा चुनौतीपूर्ण बना सकते हैं।

Dakshin Bharat at Google News
1. अगर राजस्थान की बात करें तो यहां 200 सीटों के लिए 7 दिसंबर को मतदान होगा। वर्ष 2013 के चुनावों में यहां भाजपा 160 सीटों के साथ प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आई थी। हालांकि इसमें मोदी लहर सबसे महत्वपूर्ण थी। अब भाजपा एक बार फिर मोदी और राज्य में वसुंधरा राजे के चेहरे के साथ मैदान में है। वहीं कांग्रेस का महागठबंधन इन चुनावों में आकार लेता नहीं दिख रहा। बसपा ने इससे साफ इनकार कर दिया। कुछ क्षेत्रीय दल एकजुट हो रहे हैं जिससे कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। हालांकि राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी पर सीधे कई आरोप लगा चुके हैं, लेकिन यहां क्षेत्रीय मुद्दे ही ज्यादा हावी हैं।

2. मध्य प्रदेश में भाजपा पिछले 15 वर्षों से सत्ता में है। कांग्रेस को पिछले तीन चुनावों में बड़ी शिकस्त मिली है। यह भी तब जब​कि कांग्रेस के पास मध्य प्रदेश में कई वरिष्ठ नेता हैं। यहां कांग्रेस नेताओं द्वारा आपसी खींचतान काफी चर्चा में रही है। वर्ष 2013 के चुनावों में भाजपा ने 230 में से 165 पर जीत हासिल की। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा को दोबारा सत्ता में लाने के लिए काफी दौड़-धूप कर रहे हैं। राहुल गांधी भी पार्टी की खोई हुई जमीन तलाशने में जुटे हैं।

3. छत्तीसगढ़ में चुनावी बिगुल बजने से पहले ही मायावती और अजीत जोगी ने स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस और उनकी राह अलग होगी। वर्ष 2003 से यहां भाजपा सत्ता में है। हालांकि उससे तीन साल पहले कांग्रेस सत्ता में थी, लेकिन पिछले 15 साल से उसके हालात नहीं बदले हैं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह केंद्र और राज्य की कई योजनाएं लागू कर इस बात पर भरोसा जता चुके हैं कि भाजपा लगातार चौथी बार सत्ता में वापसी करेगी। कांग्रेस के सामने यहां चेहरे का संकट है। अब 11 दिसंबर को ईवीएम खुलने के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि जनता ने किस पर ज्यादा भरोसा किया।

ये भी पढ़िए:
– बंदर को बस चलाना सिखा रहा था ड्राइवर, वायरल हुआ यह वीडियो
– राजस्थान, मप्र समेत इन 5 राज्यों में बज गया चुनावी बिगुल, जानिए कहां कब होगा मतदान
– क्या राजस्थान में तीसरे मोर्चे के नाम पर सियासी जुगलबंदी कांग्रेस को पहुंचाएगी नुकसान?

Tags:

About The Author

Dakshin Bharat Android App Download
Dakshin Bharat iOS App Download