बेंगलूरु/दक्षिण भारतमुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने आश्वासन दिया है कि वह किसानों द्वारा राष्ट्रीयकृत और सहकारी बैंकों से लिए गए फसल ऋण माफ करने के लिए खुद को वचनबद्ध मानते हैं लेकिन उन्हें अपना यह वादा निभाने के लिए एक सप्ताह के वक्त की जरूरत होगी। अगर वह एक सप्ताह में अपना यह वादा नहीं निभा सके तो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि इस प्रकार का कोई भी फैसला वह एकतरफा ढंग से नहीं ले सकते। उन्हें अपने गठबंधन के शरीक कांग्रेस से भी इस बारे में बात करनी होगी। रविवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कुमारस्वामी ने विश्वास दिलाने की कोशिश की कि उन्हें कृषि ऋण माफ करने के लिए सिर्फ कुछ समय की जरूरत है। उन्होंने कहा, ’’अब या तो मैं एक सप्ताह के अंदर किसानों से किया हुआ अपना वादा पूरा करूंगा या फिर अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा। कर्नाटक मंत्रिमंडल के गठन पर गठबंधन में सहमति बन रही है। मंत्रिमंडल के गठन के बाद मैं सबसे पहले किसानों से किया हुआ यह वादा निभाऊंगा।’’गौरतलब है कि विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता बीएस येड्डीयुरप्पा ने गठबंधन सरकार के विश्वास मत हासिल करने से पहले चेतावनी दी थी कि अगर मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने किसानों का कर्ज माफ करने का वादा अगले २४ घंटों में नहीं निभाया तो भाजपा २८ मई को उनके खिलाफ राज्यव्यापी बंद का आह्वान करेगी। उन्होंने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में यह भी स्पष्ट किया था कि यह भाजपा प्रायोजित नहीं, बल्कि किसानों की ओर से किया जानेवाला भाजपा समर्थित बंद होगा। उनकी घोषणा के बाद कुमारस्वामी ने गठबंधन धर्म का वास्ता देते हुए आज किसानों को विश्वास दिलाने की कोशिश की कि चुनाव से पूर्व जनता दल (एस) के घोषणापत्र में किया गया यह वादा निभाया जाएगा। १२ मई को हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा होने के बाद सिर्फ ३७ सीटों पर जीत हासिल करने के बावजूद राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने में कामयाब हुए कुमारस्वामी की स्थिति समझी भी जा सकती है। उन पर ७८ सीटें जीतने वाली गठबंधन भागीदार कांग्रेस का दबाव भी होगा। कुमारस्वामी ने इसका संकेत देते हुए कहा, ’’अब हमें कांग्रेस के साथ हर मसले पर आपसी सहमति से काम करने की जरूरत होगी। मुझ पर जनादेश की दया नहीं, गठबंधन की सहभागी कांग्रेस की दया है। फिर भी, मैं या तो एक सप्ताह के अंदर ही कर्ज माफी के बारे में कोई स्पष्ट घोषणा करूंगा या फिर अपना पद छो़ड दूंगा।’’ इसके साथ ही कुमारस्वामी ने भाजपा नेता येड्डीयुरप्पा पर राज्य के किसानों को सरकार के खिलाफ भ़डकाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, ’’जब तक कुमारस्वामी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर हैं, तब तक किसान हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा और भाजपा जैसी ताकतें राज्य के हाशिए से बाहर रखी जाएंगी। यह पार्टी समाज को बांटने की कोशिश कर रही है। मैं चाहता हूं कि कर्नाटक पूरी तरह से एकजुट रहे।’’ उन्होंने कहा कि विधानसभा में कांग्रेस के समर्थन से अपनी सरकार के पक्ष में विश्वास मत हासिल करने के दो दिन बाद से ही उनके सामने लोगों ने कई मांगें रखी हैं। वह कोशिश करेंगे कि इनमें से सभी मांगें पूरी की जाएं। उन्होंने कहा, ’’मुझे राज्य के किसानों की सर्वाधिक चिंता है, जो खेतिहर मजदूरों, काश्तकारों और बुनकरों के रूप में काम कर दैनिक वेतन पर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। मुझे सिर्फ एक सप्ताह का समय दें।’’ वहीं, पत्रकारों के एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल के सदस्यों को आवंटित किए जाने वाले विभागों के बारे में गठबंधन सरकार के सहभागी जनता दल (एस) और कांग्रेस में कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा, ’’हमने अपने (जनता दल-एस कोटे के) मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप दे दिया है और मैं समझता हूं कि कांग्रेस ने भी अपनी सूची तैयार कर ली होगी। मेरे मंत्रिमंडल के गठन के बारे में किसी प्रकार का भ्रम नहीं है।’’