साल 2026 में तमिलनाडु में राजग की सरकार बनाएंगे: शाह
अमित शाह ने कोयंबटूर, तिरुवन्नामलाई और रामनाथपुरम में भाजपा जिला कार्यालयों का उद्घाटन किया

Photo: @BJP4India X account
कोयंबटूर/दक्षिण भारत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को तमिलनाडु के कोयंबटूर, तिरुवन्नामलाई और रामनाथपुरम में भाजपा जिला कार्यालयों का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी शिवभक्तों को शिवरात्रि की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि बाकी सभी राजनीतिक दलों के लिए कार्यालय सिर्फ एक ऑफिस होता है, जबकि हम सब के लिए कार्यालय एक मंदिर होता है, जहां से हम पार्टी का संचालन करते हैं।
शाह ने कहा कि हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट पेश किया। बजट में मध्यम वर्ग और किसानों को समर्थन देने के उद्देश्य से कई कल्याणकारी योजनाएं पेश की गईं। साथ ही एमएसएमई व्यवसायों के विकास और विस्तार को भी बढ़ावा दिया गया।शाह ने कहा कि साल 2024 भाजपा के लिए ऐतिहासिक रहा है। उसी साल हमारे प्रिय नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वर्ष 2024 में ओडिशा में पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ हमारी सरकार बनी। लंबे समय के बाद आंध्र प्रदेश में भी राजग की सरकार बनी। हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में हमारी चुनावी जीत ने साबित कर दिया है कि देश की जनता भाजपा पर भरोसा करती है।
शाह ने कहा कि तमिलनाडु में राजग की सरकार बनाने के लिए तैयार हो जाइए। साल 2026 में हम राजग की सरकार बनाएंगे। यह नई सरकार तमिलनाडु के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगी। हम राज्य में भाई-भतीजावाद को खत्म करेंगे। तमिलनाडु में भ्रष्टाचार को खत्म किया जाएगा। हम तमिलनाडु से भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को हटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
शाह ने कहा कि तमिलनाडु में कानून व्यवस्था की स्थिति काफी चिंताजनक है। यहां तक कि शीर्ष विश्वविद्यालयों और संस्थानों में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। 700 दिन बीत जाने के बाद भी वेंगईवायल घटना के दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
शाह ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में द्रमुक के सभी नेताओं के पास मास्टर डिग्री है। उनके एक नेता नौकरी के लिए पैसे लेने के मामले में फंसे हैं, दूसरे नेता मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध रेत खनन में शामिल हैं और तीसरे नेता पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप हैं।
शाह ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री अक्सर दावा करते हैं कि राज्य को केंद्र के हाथों अन्याय का सामना करना पड़ा है। हालांकि, संप्रग और राजग के शासनकाल में वितरित धन की तुलना से पता चलता है कि अन्याय संप्रग शासन के दौरान हुआ था।