आज पूरी दुनिया भारत के लिए बहुत आशावादी है: मोदी

प्रधानमंत्री ने भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 का उद्घाटन किया

आज पूरी दुनिया भारत के लिए बहुत आशावादी है: मोदी

Photo: @bjp YouTube Channel

भोपाल/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मध्य प्रदेश के भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज मुझे यहां आने में विलंब हुआ, इसके लिए सबसे क्षमा चाहता हूं। विलंब इसलिए हुआ, क्योंकि कल जब मैं यहां पहुंचा तो एक बात ध्यान में आई कि आज 10वीं और 12वीं के छात्रों की परीक्षाएं हैं। उनका समय और मेरा राजभवन से निकलने का समय क्लैश हो रहा था। उसके कारण आशंका थी कि  सुरक्षा के कारण अगर रास्ते बंद हो जाएं और बच्चों को परीक्षा के लिए जाने में कठिनाई हो जाए। यह कठिनाई न हो, बच्चे समय से अपने परीक्षा केंद्र पर पहुंच जाएं। इसके कारण मैंने निकलने में ही 10-15 मिनट की देरी कर दी।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित मध्य प्रदेश से विकसित भारत की यात्रा में आज का कार्यक्रम बहुत अहम है। इस भव्य आयोजन के लिए मैं, मोहन यादव और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के इतिहास में ऐसा अवसर पहली बार आया है, जब पूरी दुनिया भारत के लिए इतनी आशावादी है। पूरी दुनिया में चाहे सामान्य जन हों, अर्थनीति के विशेषज्ञ हों, विभिन्न देश हों या फिर संस्थान हों, इन सभी को भारत से बहुत आशाएं हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले ही विश्व बैंक ने कहा है कि भारत आने वाले वर्षों में ऐसे ही दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। कुछ ही दिन पहले जलवायु परिवर्तन पर यूएन की एक संस्था ने भारत को सौर ऊर्जा की सुपरपावर कहा था। इस संस्था ने यह भी कहा कि जहां कई देश सिर्फ बातें करते हैं, वहीं भारत नतीजे लाकर दिखाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश जनसंख्या के हिसाब से भारत का 5वां सबसे बड़ा राज्य है। यह कृषि के मामले में भारत के शीर्ष के राज्यों में है। खनिजों के हिसाब से भी देश के शीर्ष 5 राज्यों में है। मध्य प्रदेश को जीवनदायिनी मां नर्मदा का भी आशीर्वाद प्राप्त है। यहां हर वो संभावना है, हर वो सामर्थ्य है, जो इस राज्य को जीडीपी के हिसाब से भी देश के शीर्ष 5 राज्यों में ला सकती हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दो दशकों में मध्य प्रदेश ने परिवर्तन का नया दौर देखा है। एक समय था, जब यहां बिजली और पानी की बहुत सारी दिक्कतें थीं। कानून-व्यवस्था की स्थिति तो और भी खराब थी। ऐसी हालत में यहां इंडस्ट्री का विकास बहुत मुश्किल था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दो दशकों में मध्य प्रदेश के लोगों के सहयोग से यहां की भाजपा सरकार ने गवर्नेंस पर फोकस किया। दो दशक पहले तक लोग मप्र में निवेश करने से डरते थे। आज मप्र निवेश के लिए देश के शीर्ष राज्यों में शामिल हो गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दशक में भारत ने आधारभूत ढांचे के विकास में उछाल का दौर देखा है। इसका बहुत बड़ा फायदा मध्य प्रदेश को मिला है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे जो देश के दो बड़े शहरों को जोड़ रहा है, उसका बड़ा हिस्सा मप्र से ही होकर गुजर रहा है। यानी एक तरफ मप्र को मुंबई के बंदरगाहों के लिए तेज कनेक्टिविटी मिल रही है और दूसरी तरफ उत्तर भारत के बाजार को भी यह कनेक्ट कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि औद्योगिक विकास के लिए जल सुरक्षा होना कितना जरूरी है। इसके लिए हम एक तरफ जल संरक्षण पर बल दे रहे हैं। दूसरी तरफ हम नदी जोड़ने का मिशन लेकर भी आगे बढ़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीता दशक भारत के लिए ऊर्जा क्षेत्र की अभूतपूर्व वृद्धि का रहा है। खासतौर पर हरित ऊर्जा को लेकर भारत ने वो कर दिखाया है, जिसकी कल्पना तक मुश्किल थी। इस बार के बजट में भारत की वृद्धि के हर पहलू पर हमने फोकस किया है। इस बजट में मध्यम वर्ग को सशक्त करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। हमने 12 लाख रुपए तक की कमाई को टैक्स फ्री किया है। टैक्स स्लैब्स को रिस्ट्रक्चर किया है। बजट के बाद आरबीआई ने भी ब्याज दरें घटाई हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते एक दशक से राष्ट्रीय स्तर पर हम एक के बाद एक बड़े-बड़े सुधारों को गति दे रहे हैं। अब राज्य और स्थानीय स्तर पर भी सुधारों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। भारत का टेक्सटाइल सेक्टर करोड़ों लोगों को रोजगार देता है। भारत के पास टेक्सटाइल से जुड़ी एक पूरी परंपरा भी है, स्किल भी है और उद्यमिता भी है। मध्य प्रदेश तो एक प्रकार से भारत की कपास राजधानी है। भारत की करीब 25 प्रतिशत ऑर्गेनिक कॉटन सप्लाई मध्य प्रदेश से ही होती है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के विकसित भविष्य में तीन सेक्टर्स की बहुत बड़ी भूमिका रहने वाली है। ये तीनों सेक्टर करोड़ों नई नौकरियों का सृजन करने वाले हैं। ये सेक्टर हैं- टेक्सटाइल, टूरिज्म और टेक्नोलॉजी।

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