
तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमलों के फर्जी वीडियो मामले में यूट्यूबर ने आत्मसमर्पण किया
ईओयू ने यूट्यूबर के चार बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी
गिरफ्तारी एवं अन्य कानूनी कार्रवाई की आशंका से उसने शनिवार को बेतिया के जगदीशपुर थाने में आत्मसमर्पण कर दिया
पटना/भाषा। तमिलनाडु में प्रवासी श्रमिकों पर हमलों के फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोपी एवं इस मामले में बिहार पुलिस द्वारा वांछित यूट्यूबर मनीष कश्यप ने शनिवार को पश्चिम चंपारण जिले के जगदीशपुर में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
बिहार आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने कश्यप और अन्य के खिलाफ ‘तमिलनाडु में प्रवासियों की हत्या एवं पिटाई किए जाने के फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करने के’ आरोप में तीन मामले दर्ज किए थे।
ईओयू ने कश्यप के चार बैंक खातों से लेन-देन पर रोक लगा दी है। ईओयू के अपर पुलिस महानिदेशक नय्यर हसनैन खान ने बताया कि कश्यप दक्षिणी राज्य में श्रमिकों संबंधी फर्जी समाचार फैलाने के मामले में बिहार पुलिस और तमिलनाडु पुलिस द्वारा वांछित था और उसने गिरफ्तारी एवं अपने सामान की कुर्की के डर से शनिवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
उन्होंने बताया कि पटना और चंपारण पुलिस के अलावा ईओयू द्वारा गठित छह दल शुक्रवार से उसके ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रहे थे।
ईओयू ने बताया कि गिरफ्तारी एवं अन्य कानूनी कार्रवाई की आशंका से उसने शनिवार को बेतिया के जगदीशपुर थाने में आत्मसमर्पण कर दिया।
ईओयू ने छह मार्च को इस मामले में पहली प्राथमिकी दर्ज की थी और कश्यप समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। ईओयू के अधिकारी इस मामले में जमुई से अमन कुमार नामक एक व्यक्ति को पहले ही गिरफ्तार कर चुके हैं। पहली प्राथमिकी में जिन लोगों के नाम हैं उनमें अमन कुमार, राकेश तिवारी, युवराज सिंह राजपूत और मनीष कश्यप शामिल हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जेएस गंगवार ने पिछले सप्ताह बताया था कि ईओयू द्वारा की गई जांच से पता चला है कि तमिलनाडु में प्रवासियों की हत्या किए जाने और उन्हें पीटे जाने के 30 फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए गए थे, जिससे बिहार के प्रवासी श्रमिकों को घबराहट में तमिलनाडु से पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
About The Author
Related Posts
Post Comment
Latest News

Comment List