प्रवासी श्रमिकों पर हमले की अफवाह फैलाने वाले लोग देश की अखंडता के खिलाफ: स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने सुरक्षा का भरोसा दिलाया

प्रवासी श्रमिकों पर हमले की अफवाह फैलाने वाले लोग देश की अखंडता के खिलाफ: स्टालिन

अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी

चेन्नई/दक्षिण भारत। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को अपने बिहार समकक्ष नीतीश कुमार से बातचीत के दौरान प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर भरोसा दिलाते हुए कहा कि तमिलनाडु में कथित हमलों की अफवाह फैलाने वाले लोग देश की अखंडता के खिलाफ हैं।

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स्टालिन ने शनिवार को एक बयान में आगाह भी किया कि जो लोग किसी अन्य राज्य में (पूर्व में) हुई घटना को तमिलनाडु की बताकर वीडियो और तस्वीरों का उपयोग कर जानबूझकर अफवाह फैला रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 

स्टालिन ने ओछी राजनीति के लिए 'गैर-मौजूद मुद्दों' के इस्तेमाल की निंदा करते हुए कहा कि तमिलनाडु में अन्य राज्यों के श्रमिकों पर 'हमलों' के बारे में अफवाहें फैलाने वाले लोग भारत के खिलाफ हैं। वे देश की अखंडता को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

'फर्जी खबरों से डरें नहीं'

मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने अपने 'मित्र' व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से फोन पर संपर्क किया और उनके साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। स्टालिन ने उत्तर भारतीय श्रमिकों के लिए कहा कि अगर उन्हें 'धमकी' मिले तो डरें नहीं और और पुलिस हेल्पलाइन के माध्यम से रिपोर्ट करें।

स्टालिन ने कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार को आश्वासन दिया कि सभी श्रमिक हमारे श्रमिक हैं, उन्होंने राज्य के विकास में योगदान दिया है और उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने दूसरे राज्यों के मजदूर 'भाइयों' को सुरक्षा की गारंटी देते हुए कहा कि तमिलनाडु की सरकार और जनता राज्य के सभी श्रमिकों की रक्षा करने वाली ढाल होगी और उन्हें फर्जी खबरों से डरने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने 'तमिलनाडु माता' को हमेशा मानवता को सहारा देने वाली, दया का पालना करार देते हुए कहा कि अन्य राज्यों के लोग यहां युगों से कारोबार, चिकित्सा और शिक्षा के लिए आते रहे हैं। उन्होंने खुद को और राज्य को ऊपर उठाया है।

सामाजिक जिम्मेदारी निभाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरा मामला बिहार के एक पत्रकार से शुरू हुआ, जिसने किसी अन्य राज्य में दो लोगों के बीच व्यक्तिगत टकराव को तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों पर हमले के रूप में फैलाया। स्टालिन ने मीडिया और पत्रकारों से आग्रह किया कि वे सामाजिक जिम्मेदारी के साथ कार्य करें और पत्रकारिता संबंधी नैतिकता का पालन करें और बिना पुष्टि के समाचार प्रसारित/प्रकाशित न करें।

बदनाम करने की कोशिश

प्रवासी मजदूरों को उनकी सरकार द्वारा दिए गए विभिन्न लाभों का जिक्र करते हुए स्टालिन ने कहा कि कुछ संकीर्ण सोच वाले लोग तमिलनाडु में शांतिपूर्ण स्थिति को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। वे तमिल संस्कृति का अपमान करने और सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

स्टालिन ने ऐसे तत्त्वों के बारे में कहा कि उनकी मंशा पूरी नहीं होगी। तमिलनाडु में रहने वाले अन्य राज्यों के श्रमिक यहां की सामान्य स्थिति से अवगत हैं। इसलिए यहां अब भी प्रवासियों का आना जारी है। तमिलनाडु हमेशा की तरह उनका स्वागत करता है।

ईर्ष्या के कारण फैला रहे अफवाह

स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यन ने कहा कि कुछ लोग उत्तर भारतीय नेताओं और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बीच हाल ही में आयोजित जन्मदिन की मुलाकात में सौहार्द से ईर्ष्या करते हैं। 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ये लोग अपनी ईर्ष्या के कारण वे उत्तर भारतीय श्रमिकों पर हमले की अफवाह फैला रहे हैं। सोशल मीडिया पर झूठी बातें फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सोशल मीडिया पर पुलिस की नज़र

बता दें कि बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर हमलों के बारे में अफवाहों की जांच के लिए तमिलनाडु पुलिस सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रख रही है।

श्रमिकों का भय दूर करें

बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने राज्य सरकार से श्रमिकों के बीच भय को कम करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है, चूंकि वे काम पर नहीं आ रहे हैं। एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष के इरैयनबू ने मुख्य सचिव वी इरई अंबू को एक पत्र में बताया कि पिछले एक सप्ताह से अफवाहों के कारण निर्माण श्रमिक दहशत में हैं।

उन्होंने कहा कि अफवाह के कारण हमारा उद्योग कठिन स्थिति में है। हालांकि पुलिस के माध्यम से सरकार द्वारा की गई कार्रवाई सराहनीय है। उन्होंने कहा कि कार्रवाई के बावजूद, श्रमिक अफवाहों का हवाला देकर निर्माण स्थलों पर आने से इन्कार कर रहे हैं और वे अपने राज्यों के लिए रवाना होने की तैयारी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि निर्माण उद्योग, विशेष रूप से तिरुपुर, कोयंबटूर और इरोड जिलों में प्रभावित हुआ है। इसलिए राज्य सरकार को इस मुद्दे पर विशेष ध्यान देना चाहिए और श्रमिकों को विश्वास देने के साथ-साथ सुरक्षा भी प्रदान करनी चाहिए।

भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ और द सदर्न इंडिया मिल्स एसोसिएशन ने कहा कि राज्य में स्थानीय श्रमिकों और प्रवासी श्रमिकों के बीच कोई टकराव नहीं हुआ है।

ये हैं हेल्पलाइन नंबर

तमिलनाडु पुलिस ने उत्तर भारतीय श्रमिकों के लिए हेल्पलाइन नंबरों की घोषणा की है। वे इन नंबरों पर पुलिस को सूचना दे सकते है:

1. 0421-2203313

2. 9498101300

3. 9498101320

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