
अब नीतीश को राजग में नहीं लेंगे, उनके लिए सारे दरवाजे बंद: शाह
शाह ने बिहार के पटना में 'किसान-मज़दूर समागम' को संबोधित किया
अमित शाह ने कहा कि नीतीश ने दूसरी बार धोखा दिया, लेकिन अब धोखा नहीं दे सकते
पटना/दक्षिण भारत। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती पर बिहार के पटना में 'किसान-मज़दूर समागम' को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पाटलिपुत्र की इस महान भूमि पर चंद्रगुप्त मौर्य और आचार्य चाणक्य ने भारत का पहला साम्राज्य बनाने का सफल प्रयास किया। यहीं से सम्राट चंद्रगुप्त और सम्राट समुद्र गुप्त ने अफगानिस्तान से लेकर लंका तक एकमुश्त भारत का साम्राज्य बनाया। उस मगध साम्राज्य की ऐतिहासिक राजधानी पाटलिपुत्र की भूमि से आप सबको प्रणाम करता हूं।
शाह ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती ने अंग्रेजों के साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष किया, जमींदारी प्रथा का विरोध किया और मजदूरों का नेतृत्व किया। जाति, धर्म, पंथ और संप्रदाय से ऊपर उठकर सारे देश के किसानों को एकत्रित किया। बिहार को अपनी कर्मभूमि बनाकर अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया।
शाह ने कहा कि जब जमींदारों द्वारा किसानों से जबरन कर वसूला जाता था, तब सहजानंद सरस्वती ने नारा दिया था- 'कैसे लोगे मालगुजारी, लट्ठ हमारा ज़िंदाबाद' और जमींदारी प्रथा के खिलाफ बहुत बड़ा आंदोलन किया था।
स्वामी सहजानंद सरस्वती और सुभाष बाबू दोनों एक ही विचारधारा से जुड़े हुए थे। संन्यासी होने के बावजूद उन्होंने देश की आजादी के आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।
स्वामीजी ने उस वक्त कहा था- 'जो अन्न-वस्त्र उपजाएगा, वहीं कानून बनाएगा। यह भारत वर्ष उसी का है, अब वही शासन चलाएगा।' किसानों और मजदूरों को भारत की व्यवस्थाओं के केंद्र बिंदु में लाने का काम सहजानंद सरस्वती ने किया था।
शाह ने कहा कि आज सहजानंद सरस्वती का बिहार गर्त में जा रहा है। इसे गर्त से बाहर निकालने के लिए हमें संघर्ष करना है। जेपी से लेकर आज तक, बिहार के लोगों का पूरा जीवन कांग्रेस का विरोध करने में निकल गया, लेकिन नीतीश बाबू प्रधानमंत्री बनने के लालच में सोनिया गांधी की शरण में जाकर बैठ गए हैं।
हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि बिहार में डेयरी की बहुत संभावनाएं हैं। बिहार में भूमि है, पानी है और मेहनतकश किसान हैं। बिहार में ढंग से व्यवस्थापन किया जाए तो पूरे भारत का सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाला राज्य बिहार बन सकता है।
अब नीतीश के राज में देश का सबसे अधिक दूध उत्पादन वाला राज्य कैसे बनेगा बिहार? क्योंकि दूध उत्पादन के लिए पशु चाहिए और पशु को चारा चाहिए, लेकिन प्रदेश का मुख्यमंत्री चारा चोरी करने वाले लालू की गोद में जाकर बैठ गया है, तो किसानों का भला कैसे होगा?
शाह ने कहा कि मोदी के राज में एमएसपी पर धान और गेहूं खरीदने के लिए कृषि का बजट बढ़ाया गया, लेकिन बिहार में बजट जस का तस है। नीतीश बाबू के सत्तामोह में बिहार जंगलराज बन चुका है।
शाह ने कहा कि 2014 में मनमोहन-सोनिया सरकार के दौरान कृषि का बजट 25 हजार करोड़ रुपए था, 2023 के बजट में मोदी सरकार ने कृषि का बजट बढ़ाकर 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपए कर दिया है। यही बताता है कि देश के प्रधानमंत्री ने किसानों को केंद्र में रखा है।
बिहार वालो! आप लालू की चिंता मत करो, क्योंकि बिहार में अब चारा चोरी भी नहीं होगा, क्योंकि 2025 में यहां भाजपा की सरकार बनेगी। भाजपा की सरकार ने सहकारिता के माध्यम से 2 लाख पंचायतों में सरकारी डेयरी बनाने का संकल्प लिया है। डेयरी के लिए सबसे उपयुक्त जगह बिहार है। यहांं भूमि, पानी और मेहनतकश मजदूर हैं।
शाह ने कहा कि 2009-14 में पौने चार लाख का अनाज खरीदा गया तो वहीं 2014-19 के दौरान भाजपा सरकार ने 8 लाख करोड़ का गेहूं और धान खरीदा, लेकिन बिहार के किसानों को इसका लाभ नहीं मिला। जब भाजपा सरकार बनेगी, तब बिहार के किसानों को भी लाभ होगा।
शाह ने कहा कि नीतीश ने दूसरी बार धोखा दिया है, लेकिन अब वे हमें धोखा नहीं दे सकते, क्योंकि हम उन्हें राजग में लेंगे ही नहीं। अब नीतीश के लिए भाजपा के सारे दरवाजे बंद हैं।
शाह ने कहा कि किसानों और मज़दूरों के लिए स्वामी सहजानंद के जो विचार थे, उन्हें बस मोदी ही पूरा कर सकते हैं। कोई और पूरा नहीं कर सकता है।
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