इस दीपावली गौमाता तोड़ेगी ‘ड्रैगन’ का डंक

इस दीपावली गौमाता तोड़ेगी ‘ड्रैगन’ का डंक

इस दीपावली गौमाता तोड़ेगी ‘ड्रैगन’ का डंक

गाय के गोबर से बने दीये

गाय के गोबर से निर्मित दीयों से जगमगाएगा देश, चीन के खजाने को पहुंचेगी चोट

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। इस बार दीपावली पर गाय के गोबर से बने दीपक जगमगाएंगे। साथ ही पड़ोसी देश चीन के खजाने को भी जोरदार चोट पहुंचेगी। इस प्रकार दीपावली पर गौमाता अंधियारा दूर कर देश को ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में आगे लेकर जाएगी और ‘ड्रैगन’ का डंक तोड़ेगी।

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इस बारे में राष्‍ट्रीय कामधेनु आयोग ने बताया है कि वह गाय के गोबर से 33 करोड़ दीयों का निर्माण करेगा। ये दीये पर्यावरण के अनुकूल होंगे, साथ ही चीनी उत्पादों का मुकाबला भी करेंगे। आयोग अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया ने यह घोषणा की है जिसका देशभर में स्वागत किया गया है।

बता दें कि दीपावली पर चीनी लाइटों और विभिन्न उत्पादों को लेकर अर्थशास्त्री चिंता जता चुके हैं। ये प्राय: कम गुणवत्ता वाले होते हैं। वहीं, गलवान घाटी की घटना के बाद लोगों में चीन के प्रति गुस्सा भी है। सोशल मीडिया पर चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम जारी है। ऐसे में ये पर्यावरण अनुकूल और शुद्ध देसी दीये चीनी लाइटों का मजबूत विकल्प बन सकते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत निर्माण’ की अपील का भी खासा असर है और लोग चीनी उत्पादों से परहेज करना चाहते हैं। अगर इस साल दीपावली पर चीनी उत्पादों के बजाय इन दीयों से रोशनी की जाती है तो स्वदेशी उत्पाद एवं आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

बता दें कि कामधेनु आयोग स्वदेशी मवेशियों के संवर्धन और संरक्षण के लिए कार्य करता है। इसकी स्थापना 2019 में की गई थी। आयोग अध्यक्ष कथीरिया का कहना है कि इससे स्वदेशी आंदोलन की संकल्पना को बल मिलेगा। अब तक 15 से ज्यादा राज्य इस अभियान में शामिल होने के लिए सहमति जता चुके हैं।

क​थीरिया बताते हैं कि दीये बनाने का काम शुरू हो गया है। इनमें से करीब 3 लाख दीये तो प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में जलाए जाएंगे। इसके अलावा वाराणसी में एक लाख दीये प्रज्वलित होंगे।

कथीरिया ने दीयों और निर्माण सामग्री का गणित समझाते हुए कहा कि देश में रोज करीब 192 करोड़ किलोग्राम गोबर का उत्पादन होता है। लिहाजा इससे गोबर आधारित उत्पादों के लिए व्यापक संभावनाएं हैं। इससे गौशालाओं को भी सहायता मिलेगी। इनके जरिए लोग आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा सकेंगे। इस मुहिम से लोगों को जोड़ने के लिए सोशल मीडिया मंच का उपयोग किया जा रहा है।

कामधेनु आयोग दीयों के अलावा लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाएं, एंटी-रेडिएशन चिप, अगरबत्ती, मोमबत्ती और पेपरवेट आदि भी बनाता है।

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