कर्नाटक में शुरू हुआ एकीकृत छात्रवृत्ति पोर्टल, अब ऐसे दूर होंगी छात्र जगत की समस्याएं

कर्नाटक में शुरू हुआ एकीकृत छात्रवृत्ति पोर्टल, अब ऐसे दूर होंगी छात्र जगत की समस्याएं

karnataka scholar portal

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने बुधवार को यहां एक नए वेब पोर्टल का उद्घाटन किया। इस पोर्टल से विद्यार्थियों के सामने छात्रवृत्तियां हासिल करने की राह में आनेवाली सारी अड़चनें दूर करने की कोशिश की गई है। खास तौर पर सही समय पर छात्रवृत्ति की सूचनाएं जुटाने और पात्रता परीक्षाओं के आवेदन भरने में आने वाली दिक्कतें इस पोर्टल से दूर होंगी।

इस नए विकसित किए गए स्टेट स्कॉलरशिप पोर्टल (एसएसपी) की लांचिंग के साथ ही पुरानी छात्रवृत्ति प्रबंधन सूचना प्रणाली (एसआईएमएस) को समाप्त कर दिया गया है। नए पोर्टल के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पूरे राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति की राशि सीधे उनके बैंक खातों में पहुंच जाए।

नए वेब पोर्टल का उद्घाटन करने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने महसूस किया है कि कर्नाटक की शिक्षा व्यवस्था में आज की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक बदलाव और सुधार की जरूरत है। विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जानी चाहिए। तकनीकी रूप से देश के सर्वाधिक उन्नत राज्य होने के नाते कर्नाटक सरकार ने एक नया स्टेट स्कॉलरशिप पोर्टल विकसित किया है। मुझे पूरा विश्वास है कि इस पोर्टल की मदद से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई भी पात्र हितग्राही छात्र या छात्रा छात्रवृत्ति की सुविधा से वंचित न रह जाए।’

उल्लेखनीय है कि यह एसएसपी कर्नाटक ई-प्रशासन विभाग ने विकसित किया है। इसे स्टूडेंट अचीवमेंट ट्रैकिंग सिस्टम (एसएटीएस) के साथ एकीकृत कर दिया गया है। इसके तहत प्राथमिक शिक्षा विभाग की ओर से पूरे राज्य के हर विद्यार्थी को कक्षा एक से दसवीं तक में प्रवेश के दौरान एक अनूठा परिचय क्रमांक दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि नए पोर्टल के जरिए शिक्षा विभाग के साथ ही सभी कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन करने वाले विभागों, जैसे समाज कल्याण, जनजाति कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण विभागों को भी समेकित कर दिया जाएगा। इसके ही जरिए भारत सरकार के निर्देश के अनुसार विद्यार्थियों के बैंक खातों में छात्रवृत्ति की राशि सीधे पहुंचा दी जाएगी।

वहीं, उप मुख्यमंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने कहा, ‘हर वर्ष समूचे राज्य के प्रतिभाशाली और उज्ज्वल संभावनाओं से पूर्ण विद्यार्थी इस सवाल का सामना करने को बाध्य होते हैं कि अपनी शिक्षा आगे जारी रखी जाए अथवा बीच में ही छोड़ दी जाए? कई छात्र-छात्राओं को सही समय पर उचित समर्थन नहीं मिल पाने के कारण अपनी पढ़ाई आखिरकार बीच में ही छोड़ देनी पड़ती है। यह सुखद है कि हमारी सरकार की पहल से अब कोई भी विद्यार्थी इस प्रकार के हालात का सामना करने को बाध्य नहीं होगा।’

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल के जरिए सबसे पहले प्री-मैट्रिक छात्रवृत्तियां दी जाएंगी और अन्य छात्रवृत्तियों के बारे में आने वाले समय में पोर्टल के ही जरिए घोषणा की जाएगी। उन्होंने शासन के हर विभाग से योग्य छात्रों और नागरिकों को छात्रवृत्ति के दायरे में लाने के लिए उनकी पहचान करने की अपील की।

कार्यक्रम में मौजूद समाज कल्याण मंत्री प्रियंक खरगे ने बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान कर्नाटक में 16.02 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति बांटी गई थी। इनमें से 11.56 लाख विद्यार्थी अनुसूचित जाति और 14 हजार 947 विद्यार्थी अनुसूचित जनजातियों से आते थे। खरगे ने जोड़ा, ‘हम चाहेंगे कि छात्रवृत्ति प्राप्त करनेवाले छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़े और अधिक से अधिक विद्यार्थी राज्य सरकार की ओर से दी जानेवाली इस सुविधा का फायदा उठाएं।’

ये भी पढ़िए:
– पीक से रंगी दीवारें देख कलेक्टर ने मंगवाया बाल्‍टी-कपड़ा और खुद करने लगे सफाई
– क्या आने वाले दौर में खत्म हो जाएगा टीवी?
– ये हैं शिक्षक बसरुद्दीन जिन्होंने ग्रामीण इलाकों में बदली स्कूलों की तस्वीर, मोदी ने की तारीफ
– मच्छरों, भौंकते कुत्तों और गंदगी से परेशान लालू ने वॉर्ड बदले जाने की गुहार लगाई

Google News
Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

Advertisement

Latest News