मीटरगेज मुक्त होगी भारतीय रेल : प्रभु

मीटरगेज मुक्त होगी भारतीय रेल : प्रभु

नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने देश में रेलवे के ढांचागत विस्तार को समय की सबसे ब़डी आवश्यकता बताते हुए शुक्रवार को कहा कि वर्ष २०१७ में देश के सभी मीटरगेज लाइनों को ब्रॉडगेज में बदलने के काम को स्वीकृृति दे दी जाएगी और तीन वर्ष के अंदर भारतीय रेल के पर्वतीय विरासत मार्गों को छो़ड कर यूनीगेज सिस्टम आ जाएगा।प्रभु ने मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर बातचीत में कहा कि देश की आ़जादी के बाद से यात्री यातायात में १७०० प्रतिशत और माल परिवहन में १४०० प्रतिशत की वृद्धि हुई लेकिन २०१४ तक ढांचागत विस्तार केवल २३ प्रतिशत हुआ है। उन्होंने कहा कि इस सरकार के आने पर रेलवे के ढांचागत विस्तार पर बल दिया गया और तीन वर्ष में करीब सवा तीन लाख करो़ड रुपए का निवेश दोहरीकरण, तिहरीकरण, विद्युतीकरण, दो कोच कारखाने, निजी फ्रेट टर्मिनल और निजी साइडिंग्स के विकास पर व्यय किए गए हैं जो बजटेत्तर संसाधनों से और बा़जार से ऋण के रूप में जुटाए गए हैं। उन्होंने कहा कि दोहरीकरण, तिहरीकरण, विद्युतीकरण के लिए करीब ६५५०० करो़ड रुपए खर्च करके २० हजार किलोमीटर से अधिक लंबी पटरियां बिछाईं गईं हैं। उन्होंने बताया कि अमान परिवर्तन के लिए यह वर्ष सबसे अहम होगा। पूर्वोत्तर को मीटरगेज मुक्त करने के बाद देश के सभी भागों में मीटरगेज को ब्रॉडगेज में बदलने के ठेके आवंटित कर दिए जाएंगे और तीन साल में भारतीय रेल से मीटरगेज समाप्त हो जाएगा। इस प्रकार से पर्यटन महत्व के कुछ विरासत मार्गों एवं पर्वतीय मार्गों को छो़ड कर भारतीय रेल यूनीगेज रेल प्रणाली हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इसी प्रकार से रेलवे में अभी ४२ प्रतिशत मार्ग को विद्युतीकृत है जिसे अगले पांच वर्ष में दोगुना किया जाएगा। इस प्रकार से डी़जल की खपत में कमी लाकर और विद्युत की खरीद खुले बा़जार से करने के साथ साथ १३०० मेगावाट सौर एवं पवन ऊर्जा के उत्पादन से दस वर्ष में ४१ हजार करो़ड रुपए की बचत होगी। साथ में ऊर्जा ऑडिट के माध्यम से ऊर्जा दक्षता ब़ढाने के नए-नए उपाय किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि रेलवे को दुर्घटनामुक्त बनाने की दिशा में देश भर से लेवल क्रासिंग हटाने का काम ़जोरों पर है। तीन साल में बिना चौकीदार वाली ६११३ लेवल क्रासिंग हटायीं गयीं हैं। अब इनकी संख्या करीब ४५०० बची है और दो साल में उन्हें भी हटा दिया जाएगा। इससे गाि़डयों की गति ब़ढेगी और दुर्घटना में मरने वालों की संख्या कम होगी। उन्होंने बताया कि सभी स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं के आधुनिकीकरण पर भी ़जोर दिया जा रहा है। समर्पित मालवहन गलियारा (डीएफसी) के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पूर्वी एवं पश्चिमी डीएफसी तय समय पर पूरे हो जाएंगे। इसके साथ ही अन्य तीन डीएफसी – दिल्ली चेन्नई, मुंबई हाव़डा और ख़डगपुर विजयवा़डा, का सर्वेक्षण हो गया है। जल्द ही इनकी मंत्रिमंडलीय स्वीकृति ली जाएगी। अगले दो साल में रेलवे के चहुंमुखी विस्तार पर की योजना पर प्रकाश डालते हुए रेलमंत्री ने कहा कि रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए नौ बिन्दुओं पर काम किया जा रहा है। ये बिन्दु -क्षमता वृद्धि करना, यात्रियों का सुखद अनुभव, पसंदीदा मालवाहक बनाना, गैर किराया भा़डा राजस्व में वृद्धि, रेलवे को दुर्घटना शून्य बनाना, डिजीटल तकनीक के माध्यम से आधुनिकीकरण, संगठनात्मक सुदृ़ढीकरण, लागत पर ध्यान और वित्तीय व्यवहार्यता हैं। रेल मंत्री ने कहा कि आने वाले पांच साल में भारतीय रेलवे मालवहन एवं यात्रीवहन का सर्वश्रेष्ठ साधन होगी।

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