भारत को किसी भी क्षेत्र में पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करनी चाहिए: अभिषेक बनर्जी

तृणमूल कांग्रेस सांसद ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा ...

भारत को किसी भी क्षेत्र में पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करनी चाहिए: अभिषेक बनर्जी

Photo: @abhishekaitc X account

कोलकाता/दक्षिण भारत। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को कहा कि भारत को किसी भी क्षेत्र में पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करनी चाहिए और उस देश के साथ बातचीत केवल युद्ध के मैदान में होनी चाहिए।

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तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सांसद ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि दशकों से पाकिस्तान ने आतंक का निर्यात किया है, भारत को लहूलुहान किया है, जिससे भारतीय जीवन और परिवारों को अपूरणीय क्षति हुई है।

उन्होंने पोस्ट में कहा, 'भारत को किसी भी क्षेत्र में पाकिस्तान के साथ बातचीत नहीं करनी चाहिए। पाकिस्तान के साथ हमारी बातचीत केवल युद्ध के मैदान में होनी चाहिए, और जीतने लायक एकमात्र पुरस्कार पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर है।'

अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'दशकों से पाकिस्तान ने आतंक का निर्यात किया है, भारतीयों के जीवन और परिवारों को अपूरणीय क्षति पहुँचाकर हमारे देश को लहूलुहान किया है। और फिर भी, हम समय-समय पर 'खेल से राजनीति को दूर रखने' की अपील सुनते हैं। नहीं! इसे रोकना होगा।'

उन्होंने कहा, 'जब कोई राष्ट्र छद्म युद्ध छेड़ता है, तो कोई 'तटस्थ धरातल' नहीं होता। हमारे शहीदों के खून को धोने के लिए कोई क्रिकेट पिच पर्याप्त नहीं है। हमारा तिरंगा बल्ले और गेंद की वजह से नहीं, बल्कि हमारे सशस्त्र बलों के बेजोड़ साहस और वीरता के कारण ऊंचा फहराता है।'

अभिषेक बनर्जी ने कहा, 'हम अपने क्रिकेटरों का सम्मान करते हैं और मैं इस खेल का गहरा सम्मान करता हूं। लेकिन एक राष्ट्र के रूप में, हम अपने सैनिकों का भी सम्मान करते हैं। वे जो स्टेडियम में हमारे उत्साहवर्धन के दौरान पहरा देते हैं, वे जो दूसरों के खेलते समय खून बहाते हैं।'

उन्होंने कहा, 'उस राष्ट्र से हाथ मिलाना जो हमारी सीमाओं के पार गोलियां चलाता है, कूटनीति नहीं है - यह एक खूनी विश्वासघात है! मनोरंजन नहीं, न्याय हमारा लक्ष्य हो। अगर पाकिस्तान से मुकाबला होना ही है, तो नियंत्रण रेखा पर लड़ा जाए और पीओजेके ही हमारी एकमात्र ट्रॉफी हो।'

उन्होंने कहा, 'इससे कम कुछ भी हमारे शहीदों का अपमान है और पहलगाम के पीड़ितों के साथ अन्याय और विश्वासघात है। बस!'

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