दपरे: गति वृद्धि कार्यक्रम से माल ढुलाई और यात्री परिवहन में हो रहा फायदा
दक्षता बढ़ाने, ट्रांजिट समय को कम करने में मिल रही मदद
Photo: S.W.Railways FB Page
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) अपने पूरे नेटवर्क में व्यापक गति वृद्धि कार्यक्रम को क्रियान्वित कर रहा है। इससे परिचालन दक्षता बढ़ाने के साथ ही ट्रांजिट समय को कम करने में मदद मिल रही है। यह पहल माल ढुलाई और यात्री परिवहन, दोनों क्षेत्रों में लाभदायक है।
हुब्बली (यूबीएल), बेंगलूरु (एसबीसी) और मैसूरु (एमवाईएस) मंडल इन अपग्रेड्स में सबसे आगे हैं, जिसमें लूप लाइनों पर गति बढ़ाना और प्रमुख मार्गों पर अधिकतम एमपीएस को बढ़ावा देना शामिल है।वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए, दपरे ने बुनियादी ढांचे में सुधार की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। कुल 15 स्टेशनों की लूप लाइन की गति बढ़ाकर 30 किमी प्रति घंटा कर दी गई है, जो पूरे क्षेत्र में 19 लूपों को कवर करती है। यह समायोजन मुख्य लाइनों में प्रवेश करने या बाहर निकलने के लिए ट्रेनों द्वारा वेटिंग में लगने वाले समय को काफी कम कर देता है।
हुब्बली मंडल ने इस प्रयास का नेतृत्व किया, जिसके तहत 10 स्टेशनों और 12 लूपों को अपग्रेड किया गया है। इससे वर्ष में लूप लाइन सुधार के जरिए कुल 45 मिनट की बचत हुई। बेंगलूरु मंडल ने 591 किमी ट्रैक को अपग्रेड किया और 41 मिनट बचाए। अपग्रेड्स में 281 किमी ट्रैक पर गति को 110 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 130 किमी प्रति घंटे करना तथा 495 किमी ट्रैक पर गति को 100 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 110 किमी प्रति घंटे करना शामिल है।
हुब्बली मंडल ने 4 स्टेशनों पर 5 लूप लाइनों का और विस्तार किया है, जिससे 12 मिनट की अतिरिक्त बचत हुई है। एमपीएस के संदर्भ में, दपरे ने पहले ही 135 ट्रैक किलोमीटर को अपग्रेड कर लिया है, जिससे 17 मिनट का समय बचा है। इस अवधि में मैसूरु मंडल ने अग्रणी स्थान प्राप्त करते हुए 82.22 किमी की गति को अपग्रेड किया है।
दपरे ने बताया कि जारी गति वृद्धि कार्यक्रम 3,692 किमी लंबे नेटवर्क में यात्रा को पूरी तरह बदल रहा है। हम लूप लाइनों को उन्नत करके और सेक्शनल गति बढ़ाकर यात्रियों का समय बचा रहे हैं और माल ढुलाई की दक्षता बढ़ा रहे हैं। इससे सभी के लिए तेज़ और अधिक विश्वसनीय यात्रा सुनिश्चित हो रही हैं।


