आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंडों का कोई स्थान नहीं है: मोदी
भारत-ब्रिटेन में व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता हुआ
Photo: narendramodi FB Page
लंदन/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यहां अपने ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित कियां इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज हमारे (भारत - ब्रिटेन) संबंधों में एक ऐतिहासिक दिवस है। मुझे प्रसन्नता है कि कई वर्षों की मेहनत के बाद आज दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता संपन्न हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समझौता मात्र आर्थिक साझेदारी नहीं, बल्कि साझा समृद्धि की योजना है। एक ओर भारतीय कपड़ा, जूते, रत्न और आभूषण, समुद्री भोजन और इंजीनियरिंग सामान को ब्रिटेन में बेहतर बाजार पहुंच मिलेगी।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के कृषि उत्पादों और प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग के लिए ब्रिटेन के बाजार में नए अवसर बनेंगे। भारत के युवाओं, किसानों, मछुआरों और एमएसएमई क्षेत्र के लिए यह समझौता विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होगा। वहीं दूसरी ओर, भारत के लोगों और इंडस्ट्री के लिए ब्रिटेन में बने उत्पाद- जैसे मेडिकल डिवाइसेज़ और एयरोस्पेस पार्ट्स सुलभ और किफायती दरों पर उपलब्ध हो सकेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले दशक में हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को नई गति और ऊर्जा देने के लिए विजन 2035 जारी किया जा रहा है। यह टेक्नोलॉजी, डिफेंस, क्लाइमेट, एजुकेशन और पीपल-टू-पीपल कनेक्ट के क्षेत्रों में एक मजबूत, भरोसेमंद और महत्वाकांक्षी साझेदारी का रोडमैप होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी दोनों देश मिलकर एक नया अध्याय लिख रहे हैं। ब्रिटेन के 6 विश्वविद्यालय भारत में कैंपस खोल रहे हैं। पिछले हफ्ते ही भारत के गुरुग्राम शहर में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय परिसर का उद्घाटन हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कठोर निंदा के लिए हम प्रधानमंत्री स्टार्मर और उनकी सरकार का आभार व्यक्त करते हैं। हम एकमत हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंडों का कोई स्थान नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इस बात पर भी सहमत हैं कि कट्टरपंथी विचारधारा वाली शक्तियों को लोकतांत्रिक स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग नहीं करने दिया जा सकता। जो लोग लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग करते हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत-प्रशांत में शांति और स्थिरता, यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और पश्चिम एशिया की स्थिति पर हम विचार साझा करते रहे हैं। हम जल्द से जल्द शांति और स्थिरता की बहाली का समर्थन करते हैं। सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान अनिवार्य है। आज के युग की मांग, विस्तारवाद नहीं, विकासवाद ही है।


