अमित शाह ने की घोषणा- पहलगाम के तीनों गुनहगारों को सुरक्षा बलों ने ढेर किया
'ऑपेरशन महादेव' बना आतंकवादियों के लिए काल
Photo: amitshahofficial FB Page
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में विशेष चर्चा के दौरान 'ऑपेरशन महादेव' के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पहलगाम की बैसरन घाटी में नागरिकों की हत्या करने वाले तीनों आतंकवादियों का खात्मा कर दिया गया है।
अमित शाह ने कहा कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों से धर्म पूछकर उनकी नृशंस हत्या की गई थी। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं और जो लोग मारे गए उनके परिवारों के साथ हृदय की गहराइयों से संवेदना व्यक्त करता हूं।अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान ने हमारे नागरिक ठिकानों पर गोलीबारी की, इसमें भी कुछ नागरिक हताहत हुए, गुरुद्वारा भी टूटा, मंदिर भी टूटा था। जो भी नागरिक उसमें घायल और हताहत हुए, उनके प्रति मैं गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।
अमित शाह ने कहा कि मैं सदन के माध्यम से कल हुए 'ऑपेरशन महादेव' की जानकारी पूरे देश को देना चाहता हूं। कल 'ऑपेरशन महादेव' में सुलेमान, अफगान और जिब्रान नाम के तीन आतंकवादी सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान में मारे गए।
अमित शाह ने कहा कि सुलेमान, लश्कर-ए तैयबा का ए श्रेणी का कमांडर था। वह पहलगाम और गगनगीर आतंकी हमले में लिप्त था। इसके बहुत सारे सबूत हमारी एजेंसियों के पास हैं। अफगान और जिब्रान भी ए ग्रेड के आतंकवादी थे।
अमित शाह ने कहा कि जिन्होंने बैसरन घाटी में हमारे निर्दोष नागरिकों को मारा था, उनमें ये तीनों आतंकवादी शामिल थे और तीनों ही मारे गए। मैं सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के सभी जवानों को सदन और पूरे देश की ओर से बहुत-बहुत साधुवाद देता हूं।
अमित शाह ने कहा कि 1 बजे वहां हमला हुआ था और मैं 5.30 बजे श्रीनगर पहुंच गया था। 23 अप्रैल को एक सुरक्षा मीटिंग की गई थी। उसमें निर्णय किया गया और इसकी पुख्ता व्यवस्था की गई कि नृशंस हत्या करने वाले हत्यारे देश छोड़कर न भाग पाएं।
अमित शाह ने कहा कि 22 मई को हमें सेंसर के माध्यम से आतंकवादियों के होने की पुष्टि मिली। फिर हमारी 4 पैरा के नेतृत्व में, सीआरपीएफ के जवान और जम्मू-कश्मीर के जवानों ने एकसाथ आतंकवादियों को घेरने का काम किया।
अमित शाह ने कहा कि एनआईए ने पहले से ही इन 3 आतंकियों को पनाह देने वालों और खाना पहुंचाने वालों को गिरफ्तार कर लिया था। कल जब इन आतंकवादियों के शव श्रीनगर आए, तो इनसे पहचान कराई गई, जिसमें से 4 लोगों ने पहचान लिया कि यही 3 लोग थे, जिन्होंने पहलगाम में आतंकी घटना को अंजाम दिया था।
अमित शाह ने कहा कि आज मैं सदन को बताते हुए बहुत खुश हूं कि मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से आतंकवादियों के आकाओं को जमीन में मिलाने का काम किया था। सेना एवं सीआरपीएफ ने उन आतंकवादियों को भी समाप्त कर दिया।
अमित शाह ने कहा कि मुझे अपेक्षा थी कि जब ये (विपक्ष) पहलगाम के आतंकवादियों के मारे जाने की खबर सुनेंगे तो खुश होंगे, लेकिन ऐसा लगता है कि ये (विपक्ष) इससे खुश नहीं हैं। यह किस तरह की राजनीति है?
अमित शाह ने कहा कि यह हमारे देश की सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस, तीनों की साझा तौर पर बहुत बड़ी कामयाबी है। हमें इस पर गर्व होना चाहिए।
अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले के तुरंत बाद, मैंने प्रभावित परिवारों से मुलाकात की थी। मैंने अपने सामने एक महिला को खड़ा देखा, जो अपनी शादी के 6 दिन बाद ही विधवा हो गई थी। मैं उस दृश्य को कभी नहीं भूल सकता।
अमित शाह ने कहा कि मैं आज सभी परिवारों को बताना चाहता हूं कि मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए उन लोगों को भेजने वालों को मारा, और आज हमारे सुरक्षा बलों ने उन लोगों को भी मारा जिन्होंने हत्याएं की थीं।
अमित शाह ने कहा कि कल वे (कांग्रेस) हमसे पूछ रहे थे कि आतंकवादी कहां से आए और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? बेशक, यह हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि हम सरकार में हैं। मुझे बहुत दुख हुआ कि कल इस देश के पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने सवाल उठाया कि क्या सबूत है कि ये आतंकी पाकिस्तान से आए थे? वे क्या कहना चाहते हैं? किसे बचाना चाहते हैं? पाकिस्तान को बचाकर आपको क्या मिलेगा?
मैं आज चिदंबरम को आपके माध्यम से कहना चाहता हूं और हमारे पास प्रूफ हैं कि वो तीनों पाकिस्तानी थे। तीन में से दो के पाकिस्तानी वोटर नंबर भी हमारे पास उपलब्ध हैं। ये राइफलें भी हैं, उनके पास से जो चॉकलेट मिली है, वो भी पाकिस्तान में बनी है। ये कहते हैं कि वो पाकिस्तानी नहीं थे, इसका मतलब है कि देश का एक पूर्व गृह मंत्री पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान को क्लीनचिट दे रहा है।
अमित शाह ने कहा कि कल यहां ढेर सारे सवाल उठाए गए। कल रक्षा मंत्री ने बहुत बारीकी से ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, जरूरत, प्रासंगिकता और इसके परिणाम सदन के माध्यम से पूरे देश की जनता के सामने रखा, लेकिन, इन्होंने (विपक्ष) फिर भी बहुत सवाल किए, अब सवाल किए हैं, तो मुझे जवाब भी देना पड़ेगा और इनको सुनना भी पड़ेगा।
अमित शाह ने कहा कि दाऊद इब्राहिम कासकर वर्ष 1986 में भागा, राजीव गांधी की सरकार थी। सैयद सलाहुद्दीन, टाइगर मेमन वर्ष 1993 में भागा, कांग्रेस की सरकार थी। अनीस इब्राहिम कासकर वर्ष 1993 में भागा, कांग्रेस की सरकार थी। रियाज भटकल वर्ष 2007 में भागा, कांग्रेस सरकार थी। इकबाल भटकल वर्ष 2010 में भागा, तो इनकी सरकार थी। इन्होंने मुझसे जो जवाब मांगा, उसका जवाब तो हमारे सुरक्षा बलों ने दे दिया। अब राहुल गांधी इसका जवाब दें कि ये लोग क्यों भागे?
अमित शाह ने कहा कि ये (विपक्ष) कल पूछ रहे थे कि पहलगाम हमले के दोषी कहां गए? अभी जो 10 नाम मैंने पढ़े हैं, इसमें से 8 वो थे, जिन्होंने चिदंबरम एंड कंपनी के समय आतंकी घटनाएं की। उन्हें नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अब मारा गया है। आपके समय में जो छुप गए थे, उनको चुन-चुनकर हमारी सेना ने समाप्त कर दिया है।
अमित शाह ने कहा कि 7 मई को 1.22 बजे हमारा काम समाप्त हो गया और हमारे डीजीएमओ ने उनके डीजीएमओ को बता दिया कि हमने आतंकवादी ठिकानों और उनके हेडक्वार्टर पर हमला किया है, जो हमारा आत्मरक्षा का अधिकार है। इसे पूरी दुनिया स्वीकार करती है।
अमित शाह ने कहा कि उरी में हमला हुआ, हमने सर्जिकल स्ट्राइक की। पुलवामा में हमला हुआ, तो हमने एयर स्ट्राइक की। पहलगाम में हमला किया, तो हमने 100 किमी अंदर जाकर 9 अड्डों और 100 से ज्यादा आतंकियों को समाप्त कर दिया।
अमित शाह ने कहा कि वर्ष 1971 में पूरे देश ने इंदिरा गांधी का समर्थन किया था। उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे। यह भारत की बहुत बड़ी विजय थी। इस पर पूरा भारत गर्व करता है। हम भी करते हैं। उस समय 93 हजार युद्धबंदी और 15 हजार वर्ग किमी क्षेत्र हमारे कब्जे में था। मगर शिमला समझौता हुआ, तो ये पीओके मांगना ही भूल गए। अगर उस समय पीओके मांग लेते, तो न रहता बांस न बजती बांसुरी। इन्होंने पीओके तो नहीं लिया, उल्टा 15 हजार वर्ग किमी की जीती हुई भूमि भी वापस दे दी थी।
अमित शाह ने कहा कि हमारे समय में जो भी आतंकी घटनाएं हुई हैं, वे पाक प्रेरित और कश्मीर केंद्रित हुईं, देश के अन्य हिस्से में वर्ष 2014 से 2025 के बीच एक भी आतंकी घटना नहीं हुई। यह नरेंद्र मोदी सरकार है। कश्मीर में भी आज ऐसी स्थिति है कि उनको पाकिस्तान से आतंकवादी भेजने पड़ते हैं, कश्मीर में अब हमारे (नागरिक) आतंकवादी नहीं बनते हैं।
अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2004 से 2014 तक देश में सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार थी और वर्ष 2014 से अब तक देश में नरेन्द्र मोदी जी की सरकार है। वर्ष 2004 से 2014 तक कश्मीर में 7,217 आतंकी घटनाएं हुई थीं। वर्ष 2014 से 2025 में ये 70% की कमी के साथ 2,150 हो गईं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से 2014 में 1,770 नागरिकों की मृत्यु हुई। जो वर्ष 2014 से 2025 में 80% कमी के साथ 357 हो गई। वर्ष 2004 से 2014 तक सुरक्षा बलों में मृत्यु का आंकड़ा 1,060 था। यह हमारे समय में घटकर 542 रह गया और आतंकवादियों की मृत्यु में 123% की वृद्धि हुई।


