अपनी भव्यता और विविधता के साथ आ रहा है मलयाली लोगों का लोकप्रिय त्योहार 'ओणम'

यह वह समय होता है, जब धरती मां की कोख से ताजी कोपलें फूटती हैं

अपनी भव्यता और विविधता के साथ आ रहा है मलयाली लोगों का लोकप्रिय त्योहार 'ओणम'

ओणम साध्या इस त्योहार का एक लाजवाब आकर्षण है

तिरुवनंतपुरम/दक्षिण भारत। मलयाली लोगों का बहुप्रतीक्षित त्योहार 'ओणम' दुनिया के उन गिने-चुने त्योहारों में से एक है, जो पौराणिक कथाओं, प्रकृति के प्रति श्रद्धा और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों को एक मनमोहक चित्रकारी के रूप में समन्वित करता है। इस वर्ष, दस दिवसीय ओणम का त्योहार 26 अगस्त से शुरू हो रहा है। यह 5 सितंबर को 'थिरुवोनम' दिवस के साथ संपन्न होगा। ओणम अपनी सुंदरता, गरिमा, आकर्षण और व्यापकता के लिए जाना जाता है। 

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ओणम, जो मलयालम कैलेंडर के 'चिंगम' महीने में पड़ता है, दक्षिण-पश्चिम मानसून के तीन महीनों के बाद आता है। यह वह समय होता है, जब धरती मां की कोख से ताजी कोपलें फूटती हैं और हर तरफ एक प्यारा-सा समां छाया होता है। 

महाबली की कथा से जुड़ाव

ओणम से एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है। केरल क्षेत्र पर युगों पहले राजा महाबली का शासन था। वहां किसी प्रकार की चोरी, छल या द्वेष का नामोनिशान नहीं था। भगवान विष्णु ने एक वामन का रूप धारण किया और उनके एक पैर ने पूरी धरती और दूसरे ने पूरा स्वर्ग ले लिया। राजा को तब पाताल लोक जाना पड़ा। उन्होंने साल में एक बार अपनी प्रजा से मिलने का वरदान मांगा था। ओणम वही त्योहार है, जब महाबली घर आते हैं। 

फूलों के कालीन

ओणम की सबसे प्राचीन और रंगीन छवि महाबली के स्वागत में फूलों के कालीन बिछाने की परंपरा है। इसे 'अथ पूक्कलम' भी कहा जाता है। यह तिरुवोणम से 10 दिन पहले, राशि चक्र पंचांग के 'अथम दिवस' पर घरों में शुरू होता है। पूक्कलम स्कूलों, कार्यालयों और तकनीकी परिसरों में बिछाया जाता है। किसी भी आगंतुक का स्वागत पूक्कलम से किया जाता है। परिवार के सदस्य कालीन बनाते समय अपने सौंदर्य बोध का पूरा उपयोग करते हैं।

ओणम साध्या, बहु-व्यंजन भोज

ओणम साध्या, केले के पत्ते पर परोसा जाने वाला बहु-व्यंजन भोज, इस त्योहार का एक लाजवाब आकर्षण है। परंपरागत रूप से, साध्या घर पर महिलाओं द्वारा तैयार किया जाता था और पुरुष केले के चिप्स और पकौड़े तलने में मदद करते थे। केले के पत्तों में परोसे जाने वाले ये व्यंजन पारंपरिक रूप से शाकाहारी होते हैं। चावल, सांभर, अवियल, रसम, ओलन, एरीसेरी, पापड़म, तले हुए केले के चिप्स और अचार के साथ मीठे 'प्रधानम' जैसे व्यंजनों की सूची काफी लंबी है। ओणम साध्या भारत के प्रमुख शहरों के अलावा मध्य पूर्व, अमेरिका और ब्रिटेन के प्रमुख रेस्टोरेंट और स्टार होटलों में उपलब्ध होता है।

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महिलाएं उत्सवों के केंद्र में

इस मौसम में कई खेल परंपराओं की वापसी होती है। कभी जब महिलाएं मूलत: गृहिणी थीं, ओणम उनके लिए अपनी कलात्मक प्रतिभा को अभिव्यक्त करने का एक अवसर था। इसमें नृत्यकला की कई अभिव्यक्तियां होती हैं। 

खेलों का मौसम

केरल के कुछ हिस्सों में, ओणम पुरुषों को ओनाथल्लू नामक एक मनोरंजक युद्ध में भाग लेकर अपनी शारीरिक शक्ति का प्रदर्शन करने का अवसर देता है। इसकी रणनीतियां कलारीपयट्टू की मार्शल आर्ट से ली गई हैं। 

सामुदायिक सांस्कृतिक स्थल

ये सांस्कृतिक अभिव्यक्तियां घरों के मैदानों से सामुदायिक स्थलों पर पहुंच गई हैं। राज्य सरकार राजधानी, जिला मुख्यालयों, शहरों और कस्बों में पूरे एक सप्ताह तक बड़े पैमाने पर ओणम समारोह आयोजित करती है। स्थानीय सांस्कृतिक संगठन अग्रणी भूमिका निभाते हैं।

पर्यटन सप्ताह समारोह

इस मौसम में बड़ी संख्या में पर्यटकों का आगमन होता है। उनके स्वागत और उत्सव स्थलों के भ्रमण के लिए पर्यटन विभाग ने विशेष व्यवस्था की है। पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास ने कहा कि सरकार द्वारा आयोजित सप्ताहभर चलने वाला पर्यटन उत्सव केरल की शास्त्रीय, लोक और जातीय कलाओं का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है। यह सैकड़ों कलाकारों को राजधानी और राज्यभर के केंद्रों में प्रदर्शन करने का अवसर देता है। मंत्री ने कहा कि ओणम के मौसम में पर्यटक विविधतापूर्ण संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।

इस वर्ष, पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित सप्ताहभर चलने वाले पर्यटन सप्ताह समारोह का उद्घाटन केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन 3 सितंबर को तिरुवनंतपुरम में करेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों, मुख्य मार्गों और ऐतिहासिक इमारतों की रोशनी से सराबोर यह समारोह 9 सितंबर को एक भव्य रंगारंग कार्यक्रम के साथ संपन्न होगा।

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नौका दौड़

ओणम नौका दौड़ का भी मौसम है। केरल में कई विशाल बैकवाटर हैं। त्रावणकोर, विशेष रूप से निचले इलाके कुट्टनाड का धान का कटोरा, नौका दौड़ का केंद्र रहा है। मुख्य आकर्षण चुंडनवल्लम है। यह 140 फीट लंबी सर्प-नाव होती है, जिसमें 120 पैडलर्स बैठ सकते हैं। छोटी-छोटी नावें भी होती हैं, जिनसे महिलाएं प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं।

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