'बिना शर्त माफी मांगें' ... सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसरों से उच्चतम न्यायालय ने कहा
न्यायालय जुर्माना लगाने पर विचार करेगा
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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को 'इंडियाज गॉट लेटेंट' के होस्ट समय रैना सहित पांच सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसरों से कहा कि वे अपने पॉडकास्ट या शो में दिव्यांगता और दुर्लभ आनुवंशिक विकारों से पीड़ित व्यक्तियों का उपहास उड़ाने के लिए बिना शर्त माफी मांगें।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने केंद्र से दिव्यांगों, महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को अपमानित करने या उनका उपहास करने वाले भाषणों पर अंकुश लगाने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने को कहा। पीठ ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अन्य समुदायों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले वाणिज्यिक भाषण पर लागू नहीं हो सकती।न्यायालय ने कहा कि वह बाद में रैना सहित सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसरों द्वारा दिव्यांग व्यक्तियों को अपमानित करने के लिए जुर्माना लगाने पर विचार करेगा।
पांचों पर दिव्यांगों और स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) तथा दृष्टिबाधित लोगों का मजाक उड़ाने का आरोप है।
सोनाली ठक्कर उर्फ सोनाली आदित्य देसाई को छोड़कर, जिन्हें इस शर्त पर शारीरिक रूप से उपस्थित होने से छूट दी गई थी कि उनके कार्यक्रम में बिना शर्त माफी प्रसारित की जाएगी, बाकी सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर न्यायालय में मौजूद थे।
पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी से कहा कि सोशल मीडिया विनियमन के लिए दिशा-निर्देश किसी एक घटना पर अचानक प्रतिक्रिया नहीं होनी चाहिए, बल्कि सभी हितधारकों के विचारों को शामिल करते हुए व्यापक मानदंडों पर आधारित होनी चाहिए।
शीर्ष न्यायालय ने रैना को उनके हलफनामे में माफी मांगने के लिए भी फटकार लगाई और कहा कि उन्होंने शुरू में खुद का बचाव करने और निर्दोष दिखने की कोशिश की।
बता दें कि 15 जुलाई को शीर्ष न्यायालय ने रैना समेत पांच सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसरों को दिव्यांग व्यक्तियों का उपहास करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए एक मामले में अदालत में पेश होने को कहा था।


