हम बिहार में 'चुनाव चोरी' नहीं होने देंगे: राहुल गांधी
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर हमला बोला
Photo: IndianNationalCongress FB Page
पूर्णिया/अररिया/दक्षिण भारत। वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को बिहार के पूर्णिया में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने युवाओं के लिए सारे रास्ते बंद कर दिए और देश का पैसा कुछ पूंजीपतियों को पकड़ा दिया। अब वे आपका वोट चोरी कर रहे हैं, आपका अधिकार छीन रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि बिहार में बहुत बेरोजगारी और गरीबी है। यहां से लोग बाहर के प्रदेशों में नौकरी करने जाते हैं, क्योंकि उन्हें बिहार में रोजगार नहीं मिलता। हमें इन्हीं हालातों को बदलना है।राहुल गांधी ने अररिया में कहा कि 'वोटर अधिकार यात्रा' बहुत सफल रही है। इस यात्रा में बिहार की जनता आगे बढ़कर हिस्सा ले रही है। बिहार में 'वोट चोरी' की बात करोड़ों लोग मानते हैं, इसलिए हमसे जुड़ रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग का काम सही मतदाता सूची देना है, लेकिन इन्होंने यह काम महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक में नहीं किया। हमारा पूरा ध्यान चुनाव आयोग के इस रवैए को बदलने पर है। हम इस काम को छोड़ेंगे नहीं। आप कुछ भी कर लें, हम बिहार में 'चुनाव चोरी' नहीं होने देंगे।
राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग की पोजिशन सभी को साफ-साफ दिख रही है। मैंने कर्नाटक के महादेवापुरा से जुड़ा डेटा रखा और चुनाव आयोग से पूछा कि 1 लाख फर्जी वोटर कहां से आए? चुनाव आयोग का जवाब अभी तक नहीं आया।
राहुल गांधी ने कहा कि मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच में ही चुनाव आयोग ने मुझसे एफिडेविट मांगा। कुछ दिन बाद भाजपा के अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन चुनाव आयोग ने उनसे एफिडेविट नहीं मांगा।
राहुल गांधी ने कहा कि मैंने फर्जी वोटर की बात की, अनुराग ठाकुर ने भी वही बात दोहराई, लेकिन चुनाव आयोग का उनसे एफिडेविट न मांगना दिखाता है कि चुनाव आयोग न्यूट्रल नहीं है।
राहुल गांधी ने कहा कि एसआईआर संस्थागत वोट चोरी करने का तरीका है। बिहार में 65 लाख लोगों के नाम काटे गए, लेकिन भाजपा एक शिकायत नहीं कर रही है। ऐसा इसलिए, क्योंकि चुनाव आयोग, चुनाव आयुक्त और भाजपा के बीच पार्टनरशिप है।
राहुल गांधी ने कहा कि बिहार में गठबंधन की सभी पार्टियां मिलकर काम कर रही हैं। हम एक ही विचारधारा के लिए लड़ रहे हैं। हमारा लक्ष्य साफ है- 'वोट चोरी' को रोकना है।


