जीभ का उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए: मुनि आर्यशेखरविजय
'कल्पसूत्र का 21 बार पठन श्रवण करने वाले को भवों से मुक्ति मिल जाती है'
By News Desk
On
'कल्पसूत्र हमें सिखाता है कि बोलो कम और सुनो ज्यादा'
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। शहर के चिकपेट स्थित आदिनाथ जैन मंदिर में चातुर्मासार्थ विराजित मुनि आर्यशेखरविजयजी के पर्युषण महापर्व के चौथे दिन अपने प्रवचन में कहा कि कल्पसूत्र में 1215 श्लोक प्रमाण रचना 14 पूर्वधर आचार्य भद्रभाहु स्वामीजी ने की थी। इस महापुरुष ने हमें कल्पसूत्र ओर उवसग्गहरं मंत्र की भेंट दी है।
उन्होंने कहा कि कल्पसूत्र का 21 बार पठन श्रवण करने वाले को भवों से मुक्ति मिल जाती है। कल्पसूत्र हमें सिखाता है कि बोलो कम और सुनो ज्यादा।संतश्री ने कहा कि जीभ का उपयोग सोच समझकर करना चाहिए। गलत बोलने वाले को अनेक जन्मों तक जीभ दोबारा नहीं मिलती।
पर्युषण के पांचवें दिन भगवान महावीर का पालना घर ले जाने का लाभ पारूबाई देशमलजी सरेमल सालेचा परिवार ने लिया।
About The Author
Related Posts
Latest News
11 Nov 2025 19:37:36
फोटो: संबंधित पार्टियों के फेसबुक पेजों से।


