कफ सिरप मामला: कर्नाटक सरकार ने अधिकारियों को कड़ी निगरानी के निर्देश दिए
सतर्कता बरत रही कर्नाटक सरकार
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बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक सरकार ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में कुछ खास कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत की खबरों के बाद संबंधित अधिकारियों को इन पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने 5 अक्टूबर को जारी एक परिपत्र में कहा कि हाल में मध्य प्रदेश में तमिलनाडु स्थित एक फार्मा इकाई द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ सिरप (बैच संख्या एसआर-13) के सेवन के बाद हुईं मौतों की घटनाओं को देखते हुए तमिलनाडु औषधि नियंत्रण विभाग ने उस राज्य में उक्त बैच की खरीद, बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया है।इसके अलावा, राजस्थान में केसन्स फार्मा, जयपुर द्वारा निर्मित डेक्सट्रोमेथोर्फन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप आईपी के सेवन के कारण बच्चों की कुछ मौतें हुई हैं।
इसमें कहा गया है, 'कर्नाटक राज्य के सभी प्रवर्तन अधिकारियों को उपर्युक्त दवाओं/बैच संख्या और निर्माताओं के समान संयोजनों पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया जाता है। यदि किसी स्टॉकिस्ट, वितरक, खुदरा विक्रेता या सरकारी संस्थान के पास ये उत्पाद पाए जाते हैं, तो उन्हें परीक्षण और विश्लेषण के लिए नमूने लेने चाहिए और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के अनुसार आवश्यक कार्रवाई शुरू करनी चाहिए।'
कफ सिरप की गुणवत्ता पर चिंताओं के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को सभी दवा निर्माताओं के लिए संशोधित अनुसूची एम का अनुपालन करने की जरूरत पर जोर दिया और चेतावनी दी कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मंत्रालय ने औषधि गुणवत्ता मानदंडों के अनुपालन की समीक्षा करने तथा विशेष रूप से बाल चिकित्सा आबादी में कफ सिरप के तर्कसंगत उपयोग को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई।


