'बाढ़ प्रबंधन के तहत प. बंगाल को 1,290 करोड़ रु. से ज्यादा जारी किए गए'
केंद्र ने ममता बनर्जी के 'भेदभाव' के आरोप का जवाब दिया
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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्र ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाढ़ प्रबंधन और नदी सफाई पर 'भेदभाव' के आरोप को खारिज किया। उसने कहा कि भारत पहले से ही सीमा पार नदी मुद्दों पर भूटान के साथ मिलकर काम कर रहा है और बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रमों के तहत राज्य को 1,290 करोड़ रुपए से ज्यादा जारी किए हैं।
उत्तर बंगाल के बड़े हिस्से में मूसलाधार बारिश से मची तबाही, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई और कई लोग लापता हो गए, के बाद ममता बनर्जी ने सोमवार को केंद्र पर भारत-भूटान नदी आयोग गठित करने के उनके आह्वान की अनदेखी करने का आरोप लगाया। साथ ही, चेतावनी दी कि इसके बिना 'उत्तर बंगाल को बार-बार आने वाली बाढ़ के दुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे'।उन्होंने यह भी दावा किया कि 'केंद्र बाढ़ प्रबंधन के लिए कोई धनराशि उपलब्ध नहीं कराता है और यहां तक कि उसने नदी की सफाई के लिए गंगा कार्य योजना को भी रोक दिया है।'
जवाब में, जल शक्ति मंत्रालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत और भूटान के पास पहले से ही संस्थागत तंत्र हैं, जैसे कि संयुक्त विशेषज्ञ समूह (जेजीई), संयुक्त तकनीकी टीम (जेटीटी), और संयुक्त विशेषज्ञ टीम (जेईटी) जो नदी के कटाव, गाद जमाव और उत्तर बंगाल को प्रभावित करने वाली बाढ़ के मुद्दों का समाधान करते हैं।
इसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारी इन संयुक्त निकायों के सदस्य हैं।
मंत्रालय ने बताया कि हाल में भूटान के पारो में आयोजित 11वीं जेजीई बैठक में पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने वाली आठ अतिरिक्त नदियों, जिनमें हाशिमारा झोरा, जोगीखोला, रोकिया, धवला झोरा, गबुर बसरा, गबुर ज्योति, पाना और रैदक (1 और 2) शामिल हैं, को कटाव और अवसादन पर संयुक्त अध्ययन के लिए चुना गया था।
इसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार को इन नदियों पर विस्तृत अध्ययन करने और इस वर्ष के आखिर में होने वाली अगली जेटीटी बैठक में प्रस्तुत करने को कहा गया है।
केंद्र ने यह भी कहा कि वह भारत में बहने वाली नदियों पर बाढ़ पूर्वानुमान में सुधार के लिए भूटान के जल विज्ञान अवलोकन नेटवर्क को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है।
इसमें स्पष्ट किया गया कि बाढ़ प्रबंधन परियोजनाओं से संबंधित कोई भी वित्तपोषण प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास लंबित नहीं है तथा बाढ़ प्रबंधन एवं सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (एफएमबीएपी) के अंतर्गत राज्य को 1,290 करोड़ रुपए पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
इसमें स्पष्ट किया गया कि बाढ़ प्रबंधन परियोजनाओं से संबंधित कोई भी वित्तपोषण प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास लंबित नहीं है तथा बाढ़ प्रबंधन एवं सीमा क्षेत्र कार्यक्रम (एफएमबीएपी) के अंतर्गत राज्य को 1,290 करोड़ रुपए पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
गंगा कार्य योजना को रोक दिए जाने के बनर्जी के दावे का खंडन करते हुए, मंत्रालय ने कहा कि गंगा कार्य योजना और नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत पश्चिम बंगाल में 5,648.52 करोड़ रुपए की 62 परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इनमें से 31 सीवरेज बुनियादी ढांचा परियोजनाएं हैं और 30 घाटों से संबंधित हैं।
मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के तहत एक प्रमुख नदी पुनरुद्धार पहल - कोलकाता में टॉली नाला परियोजना - को भी मंजूरी दी गई है।
मंत्रालय ने दोहराया कि केंद्र नदी प्रबंधन और बाढ़ नियंत्रण के मुद्दों पर भूटान और पश्चिम बंगाल सरकार के साथ 'सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ' है।


