वन और वन्य संसाधनों को नष्ट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी: सिद्दरामय्या
मुख्यमंत्री ने 71वें वन्यजीव सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित किया
Photo: @siddaramaiah X account
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या ने बुधवार को विधान सौधा के बैंक्वेट हॉल में आयोजित 71वें वन्यजीव सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने पर्यावरण एवं वन संरक्षणवादियों को पदक भी वितरित किए।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वन्यजीवों के बिना वन संसाधनों का कोई मूल्य नहीं है। इसलिए, वन्यजीव संसाधनों को नष्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई ज़रूरी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि सिर्फ़ इसलिए कि किसी पालतू गाय को बाघ ने खा लिया, बाघों को ज़हर देना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वन और वन्य संसाधनों को नष्ट करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के ख़िलाफ़ कड़ी क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी। चाहे वे कितने भी बड़े क्यों न हों, बिना किसी हिचकिचाहट के क़ानूनी कार्रवाई होगी।
सिद्दरामय्या ने कहा कि मानव और वन्यजीवों के बीच पारिस्थितिक संतुलन को बढ़ावा देने के लिए वन्यजीव सप्ताह मनाया जा रहा है। वन पर्यावरण जितना स्वस्थ होगा, मानव पर्यावरण भी उतना ही स्वस्थ होगा। यह नहीं भूलना चाहिए कि वनों का अस्तित्व ही पृथ्वी का अस्तित्व है।
उन्होंने कहा कि हाथियों और बाघों की समृद्धि में हमारा राज्य पहले और दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा, जानवरों और मनुष्यों के बीच संघर्ष को रोका जाना चाहिए और सह-अस्तित्व स्थापित किया जाना चाहिए। इसके लिए, इस बात का वैज्ञानिक समाधान खोजने के वास्ते अध्ययन किए जाने चाहिएं कि जानवर जंगल छोड़कर बाहर क्यों आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाघों और हाथियों को मारना बहुत गंभीर अपराध है। वन अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का अधिक ज़िम्मेदारी से पालन करना चाहिए। बाघों और वन्यजीवों को मारने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित है।
सिद्दरामय्या ने कहा कि यदि वन क्षेत्र दिन-प्रतिदिन कम होता रहा, तो मानव जाति जीवित नहीं रह सकती। इसलिए, सभी को यह समझना चाहिए कि वनों का जीवित रहना ही मानवता का जीवित रहना है।


