आरबीआई ने ब्याज दरें अपरिवर्तित रखीं
'ट्रंप टैरिफ' पर अनिश्चितता के बीच फैसला
Photo: @reservebankofindia593 YouTube Channel
मुंबई/दक्षिण भारत। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने टैरिफ अनिश्चितताओं को लेकर चिंता का हवाला देते हुए बुधवार को अपनी नीतिगत ब्याज दर को लगातार दूसरी बार 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा।
चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने सर्वसम्मति से अल्पकालिक उधार दर या रेपो दर को तटस्थ रुख के साथ 5.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है।उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने से उपभोग और वृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, लेकिन टैरिफ संबंधी घटनाक्रमों से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आर्थिक वृद्धि धीमी पड़ सकती है।
फरवरी 2025 से, आरबीआई नीतिगत दरों में 100 आधार अंकों की कटौती कर चुका है। जून में अपनी पिछली नीति समीक्षा में, उसने रेपो दर को 50 आधार अंकों की कटौती करके 5.5 प्रतिशत कर दिया था।
सरकार ने केंद्रीय बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे।
एमपीसी की सिफारिश के आधार पर, आरबीआई ने खुदरा मुद्रास्फीति में कमी के बीच फरवरी और अप्रैल में रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की तथा जून में 50 आधार अंकों की कटौती की।
इस साल फरवरी से खुदरा मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत से नीचे चल रही है। खाद्य कीमतों में कमी और अनुकूल आधार प्रभाव के कारण अगस्त में यह छह साल के निचले स्तर 2.07 प्रतिशत पर आ गई।


