बिहार में मतदाता सूची को 'शुद्ध' किया गया: मुख्य चुनाव आयुक्त
243 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव 22 नवंबर को कार्यकाल समाप्त होने से पहले पूरे हो जाएंगे
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पटना/दक्षिण भारत। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पूरा होने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास से 22 वर्षों के बाद मतदाता सूची को 'शुद्ध' किया गया है।
वे राज्य के अपने दौरे को समाप्त करने से पहले पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, जहां जल्द ही विधानसभा चुनावों की घोषणा होने की संभावना है।उन्होंने कहा, 'हमारे पास 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक में एक ईआरओ (निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी) हैं। इस कार्य को पूरा करने में उन्हें 90,207 बीएलओ द्वारा सहायता प्रदान की गई, जिससे 22 वर्षों के बाद मतदाता सूची को शुद्ध किया जा सका।'
बिहार में मतदाता सूचियों का अंतिम बार गहन पुनरीक्षण साल 2003 में हुआ था। मुख्य चुनाव आयुक्त, जिनके साथ चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह सिंधु और विवेक जोशी भी थे, ने अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श किया और अधिकारियों के साथ चुनाव तैयारियों की समीक्षा की।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि राज्य में चुनाव 22 नवंबर से पहले करा लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव तब कराए जाएंगे, जब राज्य विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव 22 नवंबर को कार्यकाल समाप्त होने से पहले पूरे हो जाएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘ये चुनाव 22 नवंबर से पहले पूरे हो जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि आयोग ने राज्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष और समय पर चुनाव सुनिश्चित करने के लिए तैयारियों के सभी पहलुओं की समीक्षा की है।
पूरे बिहार के मतदान केंद्रों पर मोबाइल फ़ोन जमा कराने की सुविधा शुरू की जाएगी। मतदाता मतदान केंद्र के बाहर अपने फ़ोन जमा करा सकेंगे और वोट डालने के बाद उन्हें वापस ले सकेंगे। उन्होंने आगे कहा, 'इस प्रणाली का परीक्षण हाल ही में हुए उपचुनावों के दौरान किया गया था। अब बिहार चुनाव के साथ इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।'


