विश्व बैंक ने भारत का विकास अनुमान बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया
देश सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा
उपभोग वृद्धि में निरंतर मजबूती का कमाल
नई दिल्ली/दक्षिण भारत। विश्व बैंक ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया। साथ ही, उसने कहा कि उपभोग वृद्धि में निरंतर मजबूती के कारण देश सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
हालांकि विश्व बैंक ने यह भी चेतावनी दी है कि अमेरिका द्वारा भारतीय माल पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का आगामी वर्ष में देश पर असर पड़ेगा।इसने वर्ष 2026-27 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.7 प्रतिशत से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया। वित्त वर्ष 2027-28 के लिए विश्व बैंक ने 6.3 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है।
विश्व बैंक के दक्षिण एशिया विकास अद्यतन (अक्टूबर 2025) में कहा गया है, 'उपभोग वृद्धि में निरंतर मजबूती के कारण भारत के विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बने रहने की उम्मीद है।'
घरेलू परिस्थितियां, खासकर कृषि उत्पादन और ग्रामीण मजदूरी वृद्धि, अपेक्षा से बेहतर रही हैं। सरकार द्वारा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में किए गए सुधारों — कर स्लैब की संख्या कम करना और अनुपालन को सरल बनाना — से गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।


