भारत जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था: मोदी
व्यक्तिगत लक्ष्यों को देश के लक्ष्यों के साथ जोड़िए
हैदराबाद/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यहां इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के स्नातक छात्रों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। भारत ने स्टार्टअप के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराया और कई अन्य उपलब्धियां हासिल की हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी आईएसबी की स्थापना के 20 साल पूरे होने को सेलिब्रेट कर रहे हैं। आज अनेक साथियों को डिग्री और गोल्ड मेडल मिले हैं। आईएसबी को सफलता के इस पड़ाव पर पहुंचाने में अनेकों लोगों की तपस्या रही है। मैं आज उन सभी को याद करते हुए, आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2001 में अटलजी ने इसे देश को समर्पित किया था। तब से लेकर आज तक लगभग 50 हज़ार एक्ज़ीक्यूटिव यहां से ट्रेंड होकर निकले हैं। आज आईएसबी एशिया के टॉप बिजनेस स्कूलों में से एक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत जी20 देशों के समूह में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। स्मार्टफोन डेटा उपभोक्ता के मामले में भारत पहले नंबर है। इंटरनेट यूजर्स की संख्या को देखें तो भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। ग्लोबल रिटेल इंडेक्स में भी भारत दुनिया में दूसरे नंबर में है।
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र भारत में है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाज़ार भारत में है। आज भारत ग्रोथ के एक बड़े केंद्र के रूप में उभर रहा है। पिछले साल भारत में अब तक का सबसे ज्यादा, रिकॉर्ड एफडीआई आया। आज दुनिया यह महसूस कर रही है कि इंडिया मीन्स बिजनेस।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारे युवा यह साबित कर रहे हैं कि वो दुनिया को लीड कर सकते हैं। इसलिए आज दुनिया भारत को, भारत के युवाओं को और भारत के उत्पाद को एक नए सम्मान और नए भरोसे के साथ देख रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अक्सर भारतीय समाधान को विश्व स्तर पर लागू होते हुए देखते हैं। इसलिए मैं आज इस महत्वपूर्ण दिन पर आपसे कहूंगा कि आप अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को देश के लक्ष्यों के साथ जोड़िए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में रिफॉर्म की जरूरत हमेशा महसूस की जाती थी, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी रहती थी। पिछले तीन दशकों में लगातार बनी रही राजनीतिक अस्थिरता के कारण देश ने राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी देखी। साल 2014 के बाद से देश राजनीतिक इच्छाशक्ति को भी देख रहा है और लगातार रिफॉर्म भी रहे हैं। हमने मेडिकल एजुकेशन में भी कई रिफॉर्म किए हैं। इसी का परिणाम है कि बीते आठ वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 380 से बढ़कर 600 से भी अधिक हो गई है। देश में मेडिकल की ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की सीटें 90 हजार से बढ़कर 1.5 लाख से ऊपर हो चुकी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 8 सालों में जो सबसे बड़ी प्रेरणा बनी है, वो है जन भागीदारी। देश की जनता खुद आगे बढ़कर रिफॉर्म को गति दे रही है। हमने स्वच्छ भारत अभियान में इसे देखा है। अब वॉकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान में भी हम जन भागीदारी की ताकत को देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब एक पारदर्शी चयन होता है। ट्रेनिंग का, कंपीटिशन का एक बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मिलता है। आखिर क्या कारण है कि 2014 के बाद हमें खेल के हर मैदान में अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने को मिल रहा है?
इसका सबसे बड़ा कारण है, हमारे एथलीट्स का आत्मविश्वास। आत्मविश्वास तब आता है, जब सही टैलेंट की खोज होती है। जब टैलेंट की हैंडहोल्डिंग होती है। आज जब देश आर्थिक विकास के नए अध्याय को लिख रहा है तो हमें एक और बात ध्यान रखनी होगी। हमें छोटे व्यापारियों का भी उतना ही ध्यान रखना होगा। हमें उन्हें ज्यादा बड़े प्लेटफॉर्म देने होंगे। आगे बढ़ने के लिए ज्यादा मौके देने होंगे। उन्हें ज्यादा से ज्यादा तकनीक से जोड़ना होगा। देश के लिए कुछ करने का, कुछ कर गुजरने का आपका जज्बा, देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगा। मुझे आईएसबी पर, यहां के विद्यार्थियों पर, आप सभी नौजवानों पर बहुत भरोसा और विश्वास है।