बेंगलूरु: मानसून आने से पहले एचएडीआर अभ्यास आयोजित किया गया
आपातकालीन सेवाओं और स्थानीय अधिकारियों के साथ निकट समन्वय स्थापित किया गया

भारतीय सेना की एचएडीआर टुकड़ियों के अलर्ट पर
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। मानसून नजदीक आने के साथ ही शहरी क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ के खतरे के मद्देनज़र अंतर-एजेंसी तैयारियों को मजबूत करने और किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित, समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के वास्ते बेंगलूरु में शुक्रवार को उच्च-प्रभावी मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) अभ्यास आयोजित किया गया।
इसका नेतृत्व बाइसन डिवीजन के तत्वावधान में एम्फीबिअस ब्रिगेड की गोरखा बटालियन द्वारा किया गया, जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 10वीं बटालियन, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राज्य आपातकालीन सेवाओं और स्थानीय अधिकारियों के साथ निकट समन्वय स्थापित किया गया।इस दौरान आपातकालीन परिदृश्यों को दोहराने और आपदा प्रतिक्रिया पारिस्थितिकी तंत्र के तालमेल का परीक्षण करने के लिए रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण दो स्थानों पर अभ्यास किए गए। जयनगर अग्निशमन केंद्र में भवन निकासी अभ्यास का आयोजन किया गया, जिसमें उच्च घनत्व वाली शहरी आपदा स्थितियों के आधार पर दुर्घटना प्रबंधन और एजेंसियों के बीच समन्वय पर जोर दिया गया। उल्सूर झील बाढ़ प्रतिक्रिया संबंधी कार्यों का अभ्यास भी मानसून के लिहाज में प्रासंगिक रहा।
इस संयुक्त अभ्यास के दौरान सैन्य और नागरिक प्रतिक्रिया बलों में समन्वय, साझा सीख और परिचालन तत्परता का प्रदर्शन किया गया। इसने संचालन क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाया और आपसी विश्वास को मजबूत किया।
पूरे इलाके में भारतीय सेना की एचएडीआर टुकड़ियों के अलर्ट पर रहने के साथ, यह पहल देश के सामूहिक आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित हुई।
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